क्या पीसीओडी में महिलाएं हो सकती है गर्भवती ?

क्या महिलाएं हो सकती है पीसीओडी में प्रेग्नेंट?
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क्या पीसीओडी में महिलाएं हो सकती है गर्भवती ?

  • July 4, 2024

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पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम महिलाओं में पायी जाने वाली एक ऐसी हार्मोनल स्थिति है, जो प्रजनन क्षमता के साथ काफी छेड़छाड़ करता है और साथ ही यह महिलाओं में बांझपन जैसी सामान्य और उपचार योग्य समस्या होने का कारण भी बनती है | यदि आपको भी काफी लम्बे समय से गर्भधारण करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो बेहतर है की आप किसी अच्छे से  चिकित्सक के पास जाकर इस समस्या का अच्छे से इलाज करवाए | 

 

आयुष आयुर्वेद & पंचकर्म सेंटर सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर निहारिका वात्स्यायन जो की आयुर्वेदिक जड़ी- बूटियों में स्पेशलिस्ट है उन्होंने बताया की कई महिलाओं को यह लगता है की पीसीओडी में गर्भधारण करना असंभव है, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है | पीसीओडी समस्या होने का यह मतलब नहीं है की इससे पीड़ित महिलाएं गर्भवती नहीं हो सकती | गर्भधारण को कंसीव करने की कोशिश दौरान हो सकता है की पीड़ित महिलाएं को कई परेशानीयों का सामना करना पड़ जाए, जिसमे उन्हें अतिरिक्त पड़ाव की आवश्यकता हो सकती है | 

 

पीसीओडी समस्या को दूर करने के लिए और साथ ही स्वस्थ गर्भावस्था की संभावना को आप घरेलु नुस्खे और सही चिकित्सा उपचार के साथ बढ़ा सकते है | आइये जानते है इस समस्या के उत्पन्न होने के मुख्य लक्षण और कारण क्या है :-   

 

पीसीओडी के मुख्य लक्षण क्या है ?  

 

  • इससे पीड़ित महिलाओं को अनियमित मासिक धर्म चक्र होने का संकेत मिलता है | 
  • कई मामलों में महिलाओं को लम्बे समय तक मासिक धर्म न आने की समस्या भी रहती है | 
  • इससे महिलाओं के शरीर के कई हिस्सों में जैसे की पेट,पीठ, छाती और चेहरे पर अधिक मात्रा में बाल उगने शुरू हो जाते है | 
  • वजन अनियमित रूप से बढ़ने लगता है | 
  • चेहरे, पीठ और छाती पर मुहांसे उगने की संभावना अधिक हो जाती है | 
  • तीव्र सिरदर्द या माइग्रेन समस्या होना 
  • नाक, कमर और स्तनों के निचले हिस्से की त्वचा का काला पड़ना 
  • बाल काफी पतले हो जाते है और साथ ही बालों की जड़े भी कमज़ोर हो जाती है, जिससे अधिक मात्रा में बाल झड़ने लग जाते है |

  

पीसीओडी के मुख्य कारण क्या है ? 

 

  • महिलाओं के शरीर में एंड्रोजन नामक पुरुष हार्मोन की एक छोटी-सी इकाई होती है |  हालाँकि पीसीओडी की वजह पुरुष हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जो महिलाओं के मासिक धर्म दौरान अंडाशय में बन रहे अंडे के विकास को रोकने का कार्य करती है | 

 

  • महिलाओं के शरीर में पाए जाने वाले इन्सुलिन हार्मोन शरीर में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने का कार्य करती है | पीसीओडी स्थिति के दौरान यह इन्सुलिन हार्मोन प्रतिरोध बन जाता है जिसका अर्थ है की रक्त में मौजूद  ग्लूकोज का उसकी कोशिकाओं सही से उपयोग करने में असक्षम हो रहे है | 

 

पीसीओडी का आयुर्वेदिक उपचार कैसे करे ? 

 

डॉक्टर निहारिका वात्स्यायन ने यह भी बताया की इससे पीड़ित कई महिलाये इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए एलॉपथी दवाओं का सहारा लेते है, जो इस समस्या को कम करने के बजाये समस्या को और बढ़ाने का कार्य करती है और साथ ही इससे शरीर पर काफी दुष्प्रभाव पड़ते है | यह तो सबको पता है की आयुर्वेदिक दवाओं का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता और यह समस्या को जड़ से ख़तम करने में सक्षम भी होता है | 

 

इससे जुड़ी कोई भी जानकारी या फिर इलाज कराने के लिए आप आयुष आयुर्वेद & पंचकर्म सेंटर से परामर्श कर सकते है, यहाँ के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर निहारिका वात्स्यायन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में स्पेशलिस्ट है, जो इस समस्या को आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के उपयोग से कम करने में आपकी मदद कर सकते है |