पेशाब से होने वाले जलन के लिए अपनाएं ये पांच घरेलू नुस्खे, जिससे मिले तुरंत राहत

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पेशाब से होने वाले जलन के लिए अपनाएं ये पांच घरेलू नुस्खे, जिससे मिले तुरंत राहत

  • September 26, 2024

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कई लोगों को पेशाब करने के दौरान जलन और दर्द की परेशानी से गुज़ारना पड़ जाता है | जिसके कई कारण हो सकते है, जिनमें से एक यूरिन इन्फेक्शन | यदि आपको भीं यूरिन इन्फेक्शन की बीमारी है तो इससे पेशाब करने के दौरान जलन होना सामान्य है | इस स्थिति के इलाज के लिए कई तरह के दवाओं का सेवन किया जाता है, लेकिन आपको बता दें कुछ घरेलु नुस्खें होती है जिसके उपयोग से पेशाब से होने वाली जलन को कम किया जा कसता है | आइये जानते है ऐसे ही पांच घरेलु नुस्खों के बारे में :- 

पेशाब में जलन को कम करने में तुलसी है सक्षम   

 

आयुष आयुर्वेद एंड पंचकर्म सेंटर के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर वात्सयायन ने यह बताया की पेशाब में होने वाली जलन की समस्या को कम करने के लिए आप तुलसी की पत्तियों का उपयोग कर सकते है | इन पतियों में कई तरह से वायरस, फंगस और बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता होती है | आयुर्वेद में तुसली के पत्ते को कई तरह के बिमारियों के इलाज के लिए औषधि के रूप में  उपयोग किया जाता है, जिसमें यूरिन इन्फेक्शन की परेशानी को ही दूर किया जाता है | पेशाब से होने वाली जलन को कम करने के लिए 6 से 7 तुलसी के पत्ते को पीसकर, इसमें शहद मिलक खाएं |  

 

जीरा करें पेशाब से होने वाली जलन को शांत             

 

जीरा सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते है, जो कई तरह के बैक्टीरियल स्थितियों से लड़ने में मदद करता है | पेशाब से होने वाली जलन को कम करने के लिए जीरा काफी कारगर सिद्ध है | एक अध्ययन से यह पता चला है की जीरा का एसेंशियल आयल यूरिन इन्फेक्शन से लड़ने के लिए सबसे प्रभावी माना जाता है | इसके लिए आप जीरे के साथ गर्म पानी का सेवन कर सकते है | ये बार-बार पेशाब में होने वाली कम कर सकता है, साथ ही यह पेशाब से होने वाली जलन को कम करने में भी सक्षम होता है |  

 

आंवला करें पेशाब से होने वाली जलन को दूर 

 

आंवला विटामिन सी जैसे पौष्टिक तत्वों से भरपूर होते है, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने का काम करता है | इसके उपयोग से बार-बार पेशाब में होने वाली समस्या को कम किया जा सकता है | यह यूरिन प्रवाह को उत्तेजित करता है, जिससे यूरिन इन्फेक्शन को कम करने में मदद मिल सकती है और साथ ही पेशाब से होने वाली जलन को कम किया जा सकता है | 

 

वजन को घटाएं        

 

नियमित रूप से अधिक वजन होने के कारण मूत्राशय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे बार-बार पेशाब करने में परेशानी हो सकती है | ऐसे में यह ज़रूरी हो जाता है की बढ़ते वजन को कम करें | यदि आप चाहते है की आपका वजह कम हो जाएं तो इसके लिए आप अपने जीवनशैली में रोज़ाना एक्सरसाइज और हेअल्थी डाइट को शामिल करें | 

 

कीगल एक्सरसाइज    

 

यूरिन इन्फेक्शन को कम करने के लिए आप कीगल एक्सरसाइज को अपना सकते है | यह पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मज़बूती प्रदान करता है | इस एक्सरसाइज की करने के अपने योनि को इस तरह से मोड़े, जैसे आप पेशाब रोकने की कोशिश कर रहे हो | दिन में तीन से चार बाद इस मुद्रा को करने से यूरिन इन्फेक्शन की समस्याओं को कम करने में मदद मिल सकती है | 

यदि यह सब करने के आपकी स्थिति में किसी भी प्रकार का सुधार नहीं आ रहा है तो इसके लिए आप आयुष आयुर्वेद एंड पंचकर्म सेंटर से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर गौहर वात्स्यायन आयुर्वेद जड़ी-बूटियों में स्पेशलिस्ट है, जो इस समस्या को प्राकृतिक उपचार के उपयोग से कम करने में मदद कर सकते है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही आयुष आयुर्वेद एंड पंचकर्म सेंटर नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |    

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क्या आप डायबिटिक फुट अल्सर से जूझ रहे है ? अपनाएं यह घरेलू उपचार, जिससे मिले तुरंत राहत

  • September 22, 2024

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डायबटीज़ से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में ग्लूकोस स्तर काफी हद तक बढ़ जाता है, जिसकी वजह से तंत्रिकाओं और रक्त वाहिकाओं को धीरे-धीरे नुक्सान पहुंचने लग जाता है | रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचने के कारण पैरों में खून और ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाती है | डायबटीज़ से तंत्रिका को हुए नुक्सान के कारण इससे पीड़ित व्यक्ति के पैरों में कुछ महसूस करने की क्षमता काफी कम हो जाती है, जिसकी वजह से पैरों में चोट, जख्म या घाव होने के बावजूद भी, व्यक्ति को इस बात का एहसास नहीं हो पाता है और जिसके परिणामस्वरुप इस चोट, जख्म और कट की वजह से पैरों में इन्फेक्शन और अल्सर की समस्या उत्पन्न होने लग जाती है | इसी अल्सर को मेडिकल टर्म में डायबिटिक फुट अल्सर भी कहा जाता  है | 

 

आयुर्वेदिक उपचार को हम सभी लोग लगभग सभी बीमारियों के इलाज के लिए एक प्राकृतिक उपचार मानते है | यह उपचार प्राचीन काल से चल रही सबसे पुरानी शाखाओं में से एक है, जिस पर अधिकतर लोग भरोसा करते है, क्योंकि इन दवाओं की उत्पत्ति प्राकृतिक होती है | आयुर्वेदिक उपचार के माध्यम से डायबटीज़ के साथ-साथ अल्सर की जटिताओं को भी ठीक किया जा सकता है | 

डायबिटिक फुट अल्सर की समस्या तब उत्पन्न होती है जब पीड़ित व्यक्ति को लगा कोई जख्म ठीक नहीं होता है और वह अल्सर बन जाता है | यदि कोई भी व्यक्ति ऐसी स्थिति से गुजर रहा है तो बेहतर यही है की समय रहते किसी विशेषज्ञ के पास जाएं और अपना इलाज करवाएं, क्योंकि इस स्थिति के गंभीर होने पर, इसके नतीज़न बेहद खराब हो सकते है | 

 

डायबिटिक फुट अल्सर के शुरुआती चरणों में किसी भी उपचार के माध्यम से इस समस्या से पड़े वाले प्रभावों को कम किया जा सकता है | आइये जानते है ऐसे ही घरेलू उपचार के बारें में :- 

 

  • कैफीन है डायबटीज़ फुट अल्सर के लिए फायदेमंद :- कैफीन का सेवन नर्वस सिस्टम को उत्तेजित करने का कार्य करता है, जिससे रक्त संचार काफी हद तक सही हो जाता है और जख्म भी ठीक होने लग जाते है | यदि आप डायबिटिक फुट अल्सर से परेशान है और घरेलू उपचार करना चाहते है तो इसके लिए आप कैफीन का सेवन कर सकते है |        

 

  • एलोवेरा है डायबिटिक फुट अल्सर के लिए बेहतर इलाज :- एलोवेरा की मदद से डायबिटिक फुट अल्सर का बेहतर इलाज किया जा सकता है | एलोवेरा में एंटी-इंफ्लामेट्री और एनाल्जेसिक  के गुणों से भरपूर होता है, जो डायबिटिक फुट अल्सर के लिए बेहद फायदेमंद होता है | यदि आपके पैर में भी कोई जख्म है तो इसके लिए आप एलोवेरा जेल को उस क्षेत्र पर लगाकर मसाज करें | 

 

  • शहद करे डायबिटिक फुट अल्सर को दूर :- यदि अल्सर से आपको बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो शहद की मदद से इन परेशानियों को कम किया जा सकता है | शहद एक किस्म का एंटी-बायोटिक घरेलु उपचार है, जिसका असर काफी प्रभाशाली होता है |  

 

  • अपनी संतुलित आहार में मैग्नीशियम को शामिल करें :- एक शोध से यह पता लगा है की खनिज युक्त डाइट का सेवन करने से डायबिटिक फुट अल्सर को कम किया जा सकता है और इसके लिए मैग्नीशियम पदार्थ को सबसे सर्वोत्तम माना जाता है | इसलिए अपने खानपान में पालक, राजमा, केला और डार्क चॉकलेट को शामिल करें | 

यदि यह सब करने के बाद भी आपकी स्थिति पर किसी भी प्रकार का सुधार नहीं आ रहा है तो इसके लिए आप आयुष आयुर्वेद एंड पंचकर्म सेंटर से परामर्श कर सकते है, इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट गौहर वात्स्यायन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में स्पेशलिस्ट है, जो इस समस्या को कम करने में आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकते है | इसलिए आज जी आयुष आयुर्वेद एंड पंचकर्म सेंटर नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इस अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |