क्या आप डायबिटिक फुट अल्सर से जूझ रहे है ? अपनाएं यह घरेलू उपचार, जिससे मिले तुरंत राहत

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क्या आप डायबिटिक फुट अल्सर से जूझ रहे है ? अपनाएं यह घरेलू उपचार, जिससे मिले तुरंत राहत

  • September 22, 2024

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डायबटीज़ से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में ग्लूकोस स्तर काफी हद तक बढ़ जाता है, जिसकी वजह से तंत्रिकाओं और रक्त वाहिकाओं को धीरे-धीरे नुक्सान पहुंचने लग जाता है | रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचने के कारण पैरों में खून और ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाती है | डायबटीज़ से तंत्रिका को हुए नुक्सान के कारण इससे पीड़ित व्यक्ति के पैरों में कुछ महसूस करने की क्षमता काफी कम हो जाती है, जिसकी वजह से पैरों में चोट, जख्म या घाव होने के बावजूद भी, व्यक्ति को इस बात का एहसास नहीं हो पाता है और जिसके परिणामस्वरुप इस चोट, जख्म और कट की वजह से पैरों में इन्फेक्शन और अल्सर की समस्या उत्पन्न होने लग जाती है | इसी अल्सर को मेडिकल टर्म में डायबिटिक फुट अल्सर भी कहा जाता  है | 

 

आयुर्वेदिक उपचार को हम सभी लोग लगभग सभी बीमारियों के इलाज के लिए एक प्राकृतिक उपचार मानते है | यह उपचार प्राचीन काल से चल रही सबसे पुरानी शाखाओं में से एक है, जिस पर अधिकतर लोग भरोसा करते है, क्योंकि इन दवाओं की उत्पत्ति प्राकृतिक होती है | आयुर्वेदिक उपचार के माध्यम से डायबटीज़ के साथ-साथ अल्सर की जटिताओं को भी ठीक किया जा सकता है | 

डायबिटिक फुट अल्सर की समस्या तब उत्पन्न होती है जब पीड़ित व्यक्ति को लगा कोई जख्म ठीक नहीं होता है और वह अल्सर बन जाता है | यदि कोई भी व्यक्ति ऐसी स्थिति से गुजर रहा है तो बेहतर यही है की समय रहते किसी विशेषज्ञ के पास जाएं और अपना इलाज करवाएं, क्योंकि इस स्थिति के गंभीर होने पर, इसके नतीज़न बेहद खराब हो सकते है | 

 

डायबिटिक फुट अल्सर के शुरुआती चरणों में किसी भी उपचार के माध्यम से इस समस्या से पड़े वाले प्रभावों को कम किया जा सकता है | आइये जानते है ऐसे ही घरेलू उपचार के बारें में :- 

 

  • कैफीन है डायबटीज़ फुट अल्सर के लिए फायदेमंद :- कैफीन का सेवन नर्वस सिस्टम को उत्तेजित करने का कार्य करता है, जिससे रक्त संचार काफी हद तक सही हो जाता है और जख्म भी ठीक होने लग जाते है | यदि आप डायबिटिक फुट अल्सर से परेशान है और घरेलू उपचार करना चाहते है तो इसके लिए आप कैफीन का सेवन कर सकते है |        

 

  • एलोवेरा है डायबिटिक फुट अल्सर के लिए बेहतर इलाज :- एलोवेरा की मदद से डायबिटिक फुट अल्सर का बेहतर इलाज किया जा सकता है | एलोवेरा में एंटी-इंफ्लामेट्री और एनाल्जेसिक  के गुणों से भरपूर होता है, जो डायबिटिक फुट अल्सर के लिए बेहद फायदेमंद होता है | यदि आपके पैर में भी कोई जख्म है तो इसके लिए आप एलोवेरा जेल को उस क्षेत्र पर लगाकर मसाज करें | 

 

  • शहद करे डायबिटिक फुट अल्सर को दूर :- यदि अल्सर से आपको बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो शहद की मदद से इन परेशानियों को कम किया जा सकता है | शहद एक किस्म का एंटी-बायोटिक घरेलु उपचार है, जिसका असर काफी प्रभाशाली होता है |  

 

  • अपनी संतुलित आहार में मैग्नीशियम को शामिल करें :- एक शोध से यह पता लगा है की खनिज युक्त डाइट का सेवन करने से डायबिटिक फुट अल्सर को कम किया जा सकता है और इसके लिए मैग्नीशियम पदार्थ को सबसे सर्वोत्तम माना जाता है | इसलिए अपने खानपान में पालक, राजमा, केला और डार्क चॉकलेट को शामिल करें | 

यदि यह सब करने के बाद भी आपकी स्थिति पर किसी भी प्रकार का सुधार नहीं आ रहा है तो इसके लिए आप आयुष आयुर्वेद एंड पंचकर्म सेंटर से परामर्श कर सकते है, इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट गौहर वात्स्यायन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में स्पेशलिस्ट है, जो इस समस्या को कम करने में आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकते है | इसलिए आज जी आयुष आयुर्वेद एंड पंचकर्म सेंटर नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इस अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |                                    

                    

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डॉक्टर गौहर वात्स्यायन ने बताया कैसे किया जाता है आयुर्वेद उपचार में एसिड रिफ्लक्स का इलाज

  • September 10, 2024

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आयुष आयुर्वेद एंड पंचकर्म सेंटर के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर गौहर वात्स्यायन ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो के द्वारा यह बताया कि आज के दौर में एसिड रिफ्लक्स एक ऐसी समस्या बन गयी है, जिससे प्रत्येक व्यक्ति प्रभावित हो रहा  है | एसिड रिफ्लक्स को हाइपर एसिडिटी और पेट में गैस की समस्या के नाम से जाना जाता है | जब भी एक व्यक्ति एसिडिटी की समस्या से पीड़ित होता है तो वह प्रत्येक दिन सुबह उठकर एक कैप्सूल का सेवन ज़रूर करता है ताकि उससे पूरे की एसिडिटी की समस्या न गुजरना पड़े, अगर वह किसी दिन कैप्सूल का सेवन करना भूल जाते है तो उससे एसिडिटी की समस्या से पूरा दिन गुजरना पड़ जाता है | 

 

एसिड रिफ्लक्स के उत्पन्न होने सबसे प्रमुख कारण है बदलती जीवनशैली और ख़राब खानपान | आजकल की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी के कारण लोग इतने व्यस्त हो गए की वह अपना ठीक से ख्याल और समय पर भोजन नहीं कर पाते है, जिसकी वजह से आये दिन एसिड रिफ्लक्स से पीड़ित मरीज़ों के मामले देखने को मिल जाते है | आयुर्वेद में एक ऐसा उपचार मौजूद है जिसकी माध्यम से एसिडिटी का स्थायी रूप से इलाज किया जा सकता है, क्योंकि आयुर्वेद ही केवल ऐसी प्रणाली है जिसमें इस बात का वर्णन किया होता है की कौन सा भोजन मनुष्य के शरीर के लिए गरम होता है और कौन सा भोजन शरीर के लिए ठंडा होता है |

 

अत्यधिक गर्म भोजन का सेवन करने से यह शरीर में पित्त की वृद्धि कर देते है, जिस कारण पेट का इंटेस्टाइन सिकुड़ने लग जाता है और शरीर में एसिड की मात्रा बढ़ने लग जाती है | जिससे हाइपर एसिडिटी कहा जाता है | आयुर्वेद में बहुत-सी ऐसी जड़ी बूटियों का वर्णन किया हुआ है, जो ठन्डे स्वाभाव की होती है और इसके सेवन से एसिडिटी की समस्या को एक बार में ही ख़तम किय जा सकता है | 

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें और इस वीडियो को पूरा देखें | इसके अलावा आप चैनल आयुर्वेदा नामक यूट्यूब चैनल पर भी विजिट कर सकते है | इस चैनल पर इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो बनाकर पोस्ट की हुई है | 

 

यदि आप में कोई भी व्यक्ति काफी समय से हाइपर एसिडिटी की समस्या से जूझ रहा है और कई तरह के इलाज कराने के बाद भी स्थिति में किसी भी प्रकार का सुधार नहीं आ रहा है तो इसमें आयुष आयुर्वेद एंड पंचकर्म सेंटर आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर गौहर वात्स्यायन आयुर्वेद जड़ी-बूटियों में स्पेशलिस्ट है, जो पिछले 15 वर्षों से आयुर्वेदिक उपचार के माध्यम से पीड़ित मरीज़ों का स्थायी रूप से और सटीक तरीकों से इलाज कर उन्हें हाइपर एसिडिटी की समस्या से मुक्ति दिलाने में मदद कर रहे है | 

 

इसलिए आज ही आयुष आयुर्वेद एंड पंचकर्म सेंटर नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट में मौजूद नंबरों से भी सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |