जानिए क्या है जोड़ों में दर्द की समस्या का आयुर्वेदिक इलाज ?

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जानिए क्या है जोड़ों में दर्द की समस्या का आयुर्वेदिक इलाज ?

  • July 27, 2023

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आज के समय की बात करें तो जोड़ों में दर्द बजुर्गो के साथ युवाओं में भी देखने को मिल रहा वही ये दर्द की समस्या से कैसे लोग अपने आप को इसके खतरे से बाहर निकाल सकते है वो भी आयुर्वेदिक दवाई और उसके उपचार की मदद से, तो आप भी जोड़ों में दर्द की समस्या से परेशान है तो इससे बचाव के लिए आर्टिकल के साथ अंत तक बने रहें ;

क्या है जोड़ो में दर्द की समस्या ?

  • जोड़ों का दर्द होना एक सामान्य स्थिति है, जो शरीर में एक या एक से अधिक जोड़ों को प्रभावित करती है। आमतौर पर, जोड़ों के दर्द में घुटने का दर्द, कंधे या गर्दन का दर्द, कोहनी और कुल्हे का दर्द शामिल होता है। 
  • जोड़ो में दर्द की अवधी और तीव्रता उसके अन्तर्निहित कारणों पर निर्भर करती है। जोड़ों का दर्द आमतौर अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन ये दर्द अगर ज्यादा समय तक बना रहें तो इसके लिए इलाज का सहारा लेना पड़ सकता है। 

जोड़ों में दर्द की समस्या के बारे में और विस्तार से जानने के लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

जोड़ों में दर्द के लक्षण क्या है ?

  • अगर आपके जोड़ और उसके आसपास का क्षेत्र सूजा हुआ, लाल, कोमल या स्पर्श करने के दौरान गर्म है।
  • आपका दर्द 3 दिनों से अधिक समय से जारी है। 
  • गंभीर चोट आई है। 
  • विकृत जोड़। 
  • सूजे हुए जोड़। 
  • जोड़ जो पूरी तरह से स्थिर है। 
  • गंभीर जोड़ों का दर्द। 

 

जोड़ों में दर्द की समस्या के लिए बेहतरीन आयुर्वेदिक इलाज !

  • अगर आप भी जोड़ों में दर्द की समस्या से परेशान है तो इससे बचाव के लिए आपको हर्बल ऑयल से बनाए गए हर्बल पेस्ट द्वारा जोड़ों की मसाज को करवाना चाहिए। वहीं ऐसा करवाने से आपको जोड़ों के दर्द से तो आराम मिलेगा ही और साथ में आप इंफ्लेमेशन के दर्द से भी राहत पा सकते है। इसके अलावा अगर आप हर्बल ऑयल का मशाज करवाना चाहते है, तो इसके लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक के संपर्क में आना चाहिए।
  • जोड़ों में दर्द की समस्या से आपको पंचकर्म भी राहत दिलवाता है। वहीं अपने दर्द की गंभीरता के आधार पर आपको इस तकनीक का प्रयोग हफ्ते से महीने तक करना चाहिए। इस प्रक्रिया में अभ्यांग, जनू बस्ती, लेप, स्वेद, विरेचन, बस्ती और अग्निकर्म की आवश्यकता होती है। 
  • आयुर्वेदिक मशाज के अलावा आपको आयुर्वेदिक पेन किलर्स जैसे अलसी, अखरोट, आंवला, हल्दी, तुलसी और अदरक का प्रयोग करना चाहिए। इनमें एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते है जो आपके घुटनों के आस-पास के दर्द को कम करने में मदद करते है और आपको काफी राहत प्रदान करते है। वहीं यह जोड़ों की सूजन कम करने में भी लाभदाई होते है। 
  • अगर आप जोड़ों के या मसल्स के आस-पास के दर्द को कम करना चाहते है, तो आपको सरसों के तेल को थोड़ा गर्म कर लेना है और इसमें एक चुटकी हल्दी मिला दें और फिर प्रभावित क्षेत्र पर इस तेल की मसाज करें। जिससे आपको काफी आराम मिलेगा।

जोड़ों के इलाज के लिए बेहतरीन आयुर्वेदिक हॉस्पिटल !

अगर आप उपरोक्त जोड़ों में दर्द की समस्या से काफी परेशान है, तो आप कैसे इससे खुद का बचाव कर सकते है इसके बारे में हम आपको उपरोक्त बता ही चुके है। वही जोड़ों में दर्द के लक्षण ज्यादा गंभीर नज़र आए तो इसके लिए आप दीप आयुर्वेदा हॉस्पिटल का चयन भी कर सकते है। 

सारांश :

जोड़ों का दर्द जहा लोगों को चलने में असमर्थ बनाता है वही इसके दर्द की समस्या से कैसे हम खुद का बचाव कर सकते है, इसके बारे में हम उपरोक्त बता चुके है, इसके अलावा उपरोक्त उपायों को तो आपने अपनाना ही है और साथ में आपको इस बात का ध्यान भी रखना है की आपको अपने खाने-पीने जैसी हर तरह की चीजों का खास ध्यान रखना है, तभी जाकर आप इस समस्या से खुद का बचाव कर सकते है।

Joints Pain

How can you rectify your muscle and joint pain with the help of Ayurveda?

  • July 27, 2022

  • 411 Views

Joint pain and muscle pain are a significant part of people’s lives. The well-known Ayurvedic Doctor in Ludhiana states that the problem of muscle pains arises when your body is continually in an active phase for several hours and suddenly comes into the rest phase. The overexertion of your muscles sometimes leads to sprains. Also, joint pain is another factor under which your body joints start paining and sometimes give unbearable pain and stress, such as arthritis. It would help if you went for the Joint Pain Ayurvedic Treatment in Ludhiana to eliminate this issue at the right time.

Define arthritis?

Arthritis is a situation in which the joints of your body turn into a swelling, stiff and rigid posture that leads to severe p[pain when you try to move them. It will also stop you from performing minor household chores and other activities such as walking, climbing stairs, etcetera. Sometimes, in winter, you may be unable to get up from bed. Therefore, the right time cure is only the last option to rectify this condition, so you must pay your visit to the best ayurvedic clinic in Punjab. Apart from this, there is more risk to your joints that they may jam in a fixed position under this condition that later on only correct with joint operations.

Why does joint pain arise?

Joint pain can occur in any joint of your body; however, frozen shoulders or adhesive capsulitis are the more possible areas to affect. Your everybody cooperative can lead to pain due to its deficiencies such as:

  • Elbow joint pain arises due to playing golf and tennis.

  • Wrist pain can happen due to carpal tunnel syndrome.

  • Foot joint pain can happen due to Achilles tendonitis, calcaneal bursitis, and plantar fasciitis.

  • Knee joint pain occurs due to the problem of osteoarthritis or rheumatoid arthritis.

Causes: Following are the main reasons for joint pains.

  • Inflammation in the internal joint tissues.

  • Injury and exertion in your joints.

  • Rising age, starvation of vitamins and exercises lead to degenerate or wear out of the cartilages.

How does Ayurveda claim to overcome your joint and muscle pain?

Ayurveda believes that the problem of joint pain can arise due to the imbalancement in Vata and the storage of toxins in ama dosha. Vata dosha is related to the movement of your body. Thus, it will travel to your joints and commence weakening joint tissues. Consequently, it creates a lack of lubricant in your joints (that manages to prevent them from pain). Hence, it becomes severe pain and stiffness, and you may lose joint mobility.

Moreover, as per the Ayurveda, digestion is the only factor that makes you healthy. Obstacles in your digestive system lead to weakness of your digestive fire or Agni that stimulate the toxin levels that spread into your joints and lead to heavy stiffness, pain and inflammation in your body joints. Therefore, Ayurveda recommends herbal supplements that can manage Vata’s balance and toxins levels. It also suggests Panchakarma, Basti, Raktamokshana, Vamana, Virechana, and Nasyam therapies. Additionally, regular exercises and a balanced diet can protect your joints and muscles from pain and other ailments.