आयुर्वेद में बच्चों की हर बीमारियों का मिलेगा हल !
आयुर्वेद एक ऐसी उपचार पद्यति है जिसमे पहले समय से लेकर अब तक हर तरह की बीमारियों का हल बहुत आसानी से मिल जाता है वो भी बिना कोई नुकसान पहुंचाए हुए। इसके अलावा आज हम बात करेंगे की आयुर्वेद बच्चों में उत्पन सामान्य बीमारियों को हल करने में कैसे रामबाण साबित होगी और साथ ही आयुर्वेद में बच्चों से जुडी कौन-कौन सी बीमारी का हल शामिल है, तो वही आपका बच्चा भी अगर छोटी-मोटी बीमारियों से ग्रस्त रहता है तो उन बीमारियों को हल करने के लिए आर्टिकल के साथ अंत तक जरूर से बने रहे ;
आयुर्वेद बच्चों के स्वास्थ्य के लिए कैसे सहायक है ?
- बच्चों के स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए आयुर्वेद को काफी बेहतर माना जाता है क्योंकि यह बिना किसी साइड इफेक्ट के आपके बच्चे को स्वस्थ रखता है। आयुर्वेद में हर बीमारी का इलाज है। आयुर्वेद में नवजात, शिशु आहार, दांत निकलना, बच्चों के उपचार के सिद्धांत में शामिल हैं। अधिकांश आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां और हर्बल यौगिक बचपन की आम बीमारियों के मामलों में सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
- यदि आपको भी अपने बच्चे के स्वास्थ्य जीवन के लिए आयुर्वेद दवाइयों का प्रयोग करना है तो इसके लिए बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से जरूर सलाह ले। बेशक ये बात मानने वाली है की इस दवाई का कुछ नुकसान नहीं है पर सलाह लेने में कोई हर्ज नहीं।
आयुर्वेद में बच्चों की किन-किन बीमारियों का हल पाया जाता है ?
आयुर्वेद में बच्चों की बहुत सी सामान्य बीमारियों का हल आसानी से मिल जाता है वो भी बिना किसी नुकसान के और साथ ही वो कौन-सी बीमारियां है, जिनका हल आयुर्वेद में वर्णित है के बारे में हम निम्न में बात करेंगे ;
- यदि आपका बच्चा दस्त की समस्या से परेशान हो तो ऐसे में जायफल पीसकर शहद के साथ सुबह और शाम चटाएं जिससे आपके बच्चे को आराम मिलेगा। और इस आयुर्वेद दवाई को लेने के लिए आप बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक को चुने।
- खांसी-जुकाम होने पर बच्चे को तुलसी का रस दें। इससे आपके बच्चे को सर्दी नहीं होगी। इसके अलावा थोड़ी सी अदरक और एक ग्राम तेजपत्ते को एक कप पानी में भिगो कर काढ़ा बनाएं। फिर इसमें एक चम्मच मिश्री मिलाकर 1-1 चम्मच की मात्रा में दिन में तीन बार पिलाएं। जिससे बच्चों को आराम मिलेगा।
- दांत निकलने पर बच्चों को काफी परेशानी होती है। और कई बार ऐसे हालात में बच्चों के दांतों में खुजली की समस्या उत्पन हो जाती है। तो इससे निजात दिलवाने के लिए आपको पीपली को बारीक पीसकर चूर्ण तैयार करना है, जो कपड़े से आसानी से छन सके। इसके बाद पीपली को शहद के साथ मिलाकर अपने बच्चे को दें।
- तो वही अगर आपका बच्चा कब्ज की समस्या से परेशान है तो प्राकृतिक फाइबर से भरपूर आहार जैसे भीगी हुई किशमिश या खजूर, शहद, चोकर, तिल के बीज और ताजा अंजीर उपयोग में लाए। कब्ज की रोकथाम के लिए पानी की पर्याप्त मात्रा और उच्च फाइबर वाले इन खाद्य पदार्थों का सेवन बच्चे को जरूर से करवाए।
यदि आप चाहते है कि आपके बच्चे को उपरोक्त बीमारियों से राहत मिले तो इन दवाइयों को लेने के लिए आप दीप आयुर्वेदा हॉस्पिटल का चयन भी कर सकते है।
निष्कर्ष :
बच्चे बहुत ही नाजुक फूल के समान होते है इसलिए इन पर किसी भी तरह की दवाई का प्रयोग करने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह ले।