क्या आयुर्वेदिक दवाओं में भी होती है स्टेरॉइड्स मौजूद ?

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क्या आयुर्वेदिक दवाओं में भी होती है स्टेरॉइड्स मौजूद ?

  • November 27, 2024

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चैनल आयुर्वेदा नामक यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो में आयुष आयुर्वेद & पंचकर्म सेंटर के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर गौहर वात्स्यायन ने यह बताय की उनके पास अक्सर ऐसे कई ऐसी मरीज़ आते है जिनका केवल एक सवाल होता हैं की क्या आयुर्वेद में स्टेरॉयड मौजूद होते है या फिर नहीं | यह बात को जानने से पहले इस बात को समझना पड़ेगा की स्टेरॉइड्स होती क्या है ?

 

पूरे विश्व भर में दो तरह के स्टेरायड्स पाए जाता है, पहला है कृत्रिम जिससे सिंथेटिक स्टेरॉयड भी कहा जाता है और दूसरा है फायटो स्टेरॉइड्स,जो हर पौधे में प्राकृतिक रूप से उपस्थित होते है |  सिंथेटिक स्टेरॉइड्स का निर्माण डॉक्टरों द्वारा प्रयोगशाला में किया जाता है, जिसका इस्तेमाल व्यक्ति के शरीर को कमज़ोरी से छुटकारा दिलाने के लिए किया जाता है | यहीं अगर बात करें फायटो स्टेरॉइड्स की तो इसमें डिजिटोक्सिन, डीजोकशन जैसे खाद्द पदार्थ मौजूद होते है, इसका इस्तेमाल भी कई तरह के समस्यायों को प्राकृतिक रूप से कम करने के लिए किया जाता है | उदाहरण के लिए मुलेठी और हल्दी में फायटो स्टेरॉइड्स जैसे तत्व मौजूद होते है |

 

डॉक्टर गौहर वात्स्यायन ने भी कहा की पुराने दशकों में जब आयुर्वेद भी अपने कुछ खास चरण सीमा में मौजूद नहीं था, उस समय आयुर्वेद दवाओं के प्रति लोगों में विश्वास की कमी होती जा रही थी, क्योंकि उस समय सही शिक्षा न प्राप्त होने के कारण  डॉक्टरों की पीढ़ी ऐसी आयी, जो आयुर्वेद दवाओं को बनाते समय उसमे स्टेरॉइड्स के कुछ अंश को मिला दिया करते थे, जिसकी वजह से आयुर्वेद दवाओं पर तो नकारमतक असर पड़ा ही लेकिन इसके साथ ही लोगों पर से भी आयुर्वेदा दवाओं के प्रति विश्वाश भी उठने लग गया था | यह बात बिकुल सच है की आयुर्वेद में स्टेरिओड्स होते है, लेकिन वह प्राकृतिक रूप में मौजूद होते है, जो व्यक्ति के सेहत को कुछ खास नुक्सान नहीं पहुंचती है | 

 

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप चैनल आयुर्वेदा नामक यूट्यूब चैनल पर विजिट कर सकते है | यहाँ आपको इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो मिल जाएगी | इसके अलावा अगर आप किसी भी तरह के ससमस्या से जूझ रहे है और आयुर्वेदिक उपचार करवाना चाहते है तो इसके लिए आयुष आयुर्वेद & पंचकर्म सेंटर से आप संपर्क कर सकते है | इस संस्था के डॉक्टर गौहर वात्स्यायन आयुर्वेद जड़ी-बूटियों में एक्सेपेर्ट है और उन्हें 10 से भी अधिक वर्षों का तज़र्बा है |

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पेशाब से होने वाले जलन के लिए अपनाएं ये पांच घरेलू नुस्खे, जिससे मिले तुरंत राहत

  • September 26, 2024

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कई लोगों को पेशाब करने के दौरान जलन और दर्द की परेशानी से गुज़ारना पड़ जाता है | जिसके कई कारण हो सकते है, जिनमें से एक यूरिन इन्फेक्शन | यदि आपको भीं यूरिन इन्फेक्शन की बीमारी है तो इससे पेशाब करने के दौरान जलन होना सामान्य है | इस स्थिति के इलाज के लिए कई तरह के दवाओं का सेवन किया जाता है, लेकिन आपको बता दें कुछ घरेलु नुस्खें होती है जिसके उपयोग से पेशाब से होने वाली जलन को कम किया जा कसता है | आइये जानते है ऐसे ही पांच घरेलु नुस्खों के बारे में :- 

पेशाब में जलन को कम करने में तुलसी है सक्षम   

 

आयुष आयुर्वेद एंड पंचकर्म सेंटर के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर वात्सयायन ने यह बताया की पेशाब में होने वाली जलन की समस्या को कम करने के लिए आप तुलसी की पत्तियों का उपयोग कर सकते है | इन पतियों में कई तरह से वायरस, फंगस और बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता होती है | आयुर्वेद में तुसली के पत्ते को कई तरह के बिमारियों के इलाज के लिए औषधि के रूप में  उपयोग किया जाता है, जिसमें यूरिन इन्फेक्शन की परेशानी को ही दूर किया जाता है | पेशाब से होने वाली जलन को कम करने के लिए 6 से 7 तुलसी के पत्ते को पीसकर, इसमें शहद मिलक खाएं |  

 

जीरा करें पेशाब से होने वाली जलन को शांत             

 

जीरा सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते है, जो कई तरह के बैक्टीरियल स्थितियों से लड़ने में मदद करता है | पेशाब से होने वाली जलन को कम करने के लिए जीरा काफी कारगर सिद्ध है | एक अध्ययन से यह पता चला है की जीरा का एसेंशियल आयल यूरिन इन्फेक्शन से लड़ने के लिए सबसे प्रभावी माना जाता है | इसके लिए आप जीरे के साथ गर्म पानी का सेवन कर सकते है | ये बार-बार पेशाब में होने वाली कम कर सकता है, साथ ही यह पेशाब से होने वाली जलन को कम करने में भी सक्षम होता है |  

 

आंवला करें पेशाब से होने वाली जलन को दूर 

 

आंवला विटामिन सी जैसे पौष्टिक तत्वों से भरपूर होते है, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने का काम करता है | इसके उपयोग से बार-बार पेशाब में होने वाली समस्या को कम किया जा सकता है | यह यूरिन प्रवाह को उत्तेजित करता है, जिससे यूरिन इन्फेक्शन को कम करने में मदद मिल सकती है और साथ ही पेशाब से होने वाली जलन को कम किया जा सकता है | 

 

वजन को घटाएं        

 

नियमित रूप से अधिक वजन होने के कारण मूत्राशय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे बार-बार पेशाब करने में परेशानी हो सकती है | ऐसे में यह ज़रूरी हो जाता है की बढ़ते वजन को कम करें | यदि आप चाहते है की आपका वजह कम हो जाएं तो इसके लिए आप अपने जीवनशैली में रोज़ाना एक्सरसाइज और हेअल्थी डाइट को शामिल करें | 

 

कीगल एक्सरसाइज    

 

यूरिन इन्फेक्शन को कम करने के लिए आप कीगल एक्सरसाइज को अपना सकते है | यह पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मज़बूती प्रदान करता है | इस एक्सरसाइज की करने के अपने योनि को इस तरह से मोड़े, जैसे आप पेशाब रोकने की कोशिश कर रहे हो | दिन में तीन से चार बाद इस मुद्रा को करने से यूरिन इन्फेक्शन की समस्याओं को कम करने में मदद मिल सकती है | 

यदि यह सब करने के आपकी स्थिति में किसी भी प्रकार का सुधार नहीं आ रहा है तो इसके लिए आप आयुष आयुर्वेद एंड पंचकर्म सेंटर से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर गौहर वात्स्यायन आयुर्वेद जड़ी-बूटियों में स्पेशलिस्ट है, जो इस समस्या को प्राकृतिक उपचार के उपयोग से कम करने में मदद कर सकते है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही आयुष आयुर्वेद एंड पंचकर्म सेंटर नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |