रूमेटाइड अर्थराइटिस क्या होता है, इसके मुख्य लक्षण, कारण और आयुर्वेद में कैसे किया जाता है इलाज ?

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रूमेटाइड अर्थराइटिस क्या होता है, इसके मुख्य लक्षण, कारण और आयुर्वेद में कैसे किया जाता है इलाज ?

  • November 11, 2024

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रूमेटाइड अर्थराइटिस एक ऐसी बीमारी है जो पीड़ित व्यक्ति के जोड़ों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है | इसके अलावा यह बीमारी आपके दैनिक जीवनशैली को भी नकारत्मक रूप से प्रभावित कर सकती है और आपके जीवन के गुणवत्ता को कम कर सकती है | आइये जानते है रूमेटाइड अर्थराइटिस होने के मुख्य लक्षण और कारण क्या है :- 

 

रूमेटाइड अर्थराइटिस क्या होता है ? 

रूमेटाइड अर्थराइटिस एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जो आपके शरीर में मौजूद किसी भी जोड़ों को गंभीर रूप से प्रभावित और क्षतिग्रस्त कर सकती है | यह बीमारी आपके शरीर की अंतरिक्षीय ततुओं पर हमला कर देती है, जिससे जोड़ों में सूजन की समस्या, तीव्र दर्द और स्थिरता हो सकता है | यह बीमारी आमतौर जोड़ों को ही प्रभावित करती है, लेकिन कई बार यह बाहरी जोड़ों को भी प्रभावित कर सकती है | 

 

रूमेटाइड अर्थराइटिस होने के लक्षण कई प्रकार के होते है, लेकिन सामान्य रूप से लक्षण तीव्र दर्द, सूजन की समस्या और स्थिरता होते है, जो शरीर के विभिन्न जोड़ों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है और समय के बढ़ने के साथ-साथ इसके लक्षण गंभीर भी हो सकते है | एक शोध से पता चला है की यह बीमारी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को सबसे अधिक प्रभावित करते है | आइये जानते रूमेटाइड अर्थराइटिस के मुख्य लक्षण कौन-से है :- 

 

रूमेटाइड अर्थराइटिस के मुख्य लक्षण

रूमेटाइड अर्थराइटिस से जुड़े लक्षणों को सही समय में पहचाना एक पीड़ित के लिए बेहद महतवपूर्ण होता है, ताकि समय रहते इस समस्या से निदान पाया जा सके, क्योंकि स्थिति गंभीर होने पर यह क्रोनिक बीमारी में भी तब्दील हो सकता है | इस बीमारी के लक्षण प्रत्येक व्यक्ति में बिलकुल विभिन्न होते है, लेकिन कुछ लोगों में इसके सामान्य लक्षण भी देखने को मिल जाते है, जिनमें शामिल है :- 

 

  • जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या होना :- रूमेटाइड अर्थराइटिस में आमतौर एक ही समय में एक या फिर एक से अधिक जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या को उत्पन्न कर सकता है | अधिकतर मामलों में इस दर्द और सूजन को पीडिय व्यक्ति द्वारा  सुबह के समय सबसे अधिक अनुभव किया जाता है और समय के साथ-साथ यह समस्या बढ़ते जाता है | 

 

  • स्थिरता होना :- सुबह उठने के बाद अधिकतर मामलों में रूमेटाइड अर्थराइटिस से पीड़ित व्यक्ति के जोड़ों में स्थिरता की समस्या होने लग जाती है | बार-बार करवट बदलने के बाद स्थिरता की समस्या कोई बदलाव नहीं आता |   

 

  • अत्यधिक थकान होना :- रूमेटाइड अर्थराइटिस से पीड़ित व्यक्ति अक्सर अत्यधिक थकान को महसूस करता है, जो उनके दैनिक जीवनशैली को प्रभावित कर सकती है | 

 

  • जोड़ों में गर्मी का बढ़ना :- प्रभावित जोड़ों के आसपास मौजूद ऊतकों में गर्मी के तापमान में वृद्धि होने लग जाती है, जो रूमेटाइड अर्थराइटिस होने का अन्य सामान्य लक्षण है | 

 

  • छोटे जोड़ों में दर्द और सूजन :- रूमेटाइड अर्थराइटिस होने से अक्सर शरीर में मौजूद छोटे-छोटे जोड़ जैसे की उंगलियों के जोड़ में भी स्थिरता और सूजन की समस्या होने लग जाती है |    

 

रूमेटाइड अर्थराइटिस के मुख्य कारण 

रूमेटाइड अर्थराइटिस होने के कई कारण हो सकते है, जिनमें शामिल है :-   

 

  • अनुवांशिक प्रवृत्ति होना :- यदि आपके परिवार में किसी भी परिजन को पहले से ही रूमेटाइड अर्थराइटिस होने की समस्या है तो इससे आपको होने का खतरा बढ़ सकता है |   

 

  • संक्रमण कारणों से :- कुछ वायरल इन्फेक्शन ऐसे होते है, जो रूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या के विकास को बढ़ावा देते है, जिनमें शामिल है इन्फ्लुएंजा या फिर एप्सटाइन-बार वायरस आदि | 

 

  • धूम्रपान का सेवन :- धूम्रपान का सेवन करने से भी रूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या को बढ़ावा मिलता है | 

 

  • अत्यधिक तनाव :- कई बार अत्यधिक तनाव में रहने से भी शरीर भी जोड़ें भी तनावग्रस्त हो जाते है, जिसकी वजह से रूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या उत्पन्न होने लग जाती है | 

 

  • ख़राब खानपान :- यदि आप लगातार ख़राब खानपान का सेवन कर रहे है, इससे आप रूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या का शिकार हो सकते है | 

 

  • महिला असंतुलन हार्मोन :- महिलाओं के शरीर में मौजूद हार्मोन जब असंतुलन होने लग जाते है, तो इससे भी रूमेटाइड अर्थराइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है |  
रूमेटाइड अर्थराइटिस क्या है? आयुर्वेद में इलाज और लक्षणों की पूरी जानकारी
रूमेटाइड अर्थराइटिस क्या है? आयुर्वेद में इलाज और लक्षणों की पूरी जानकारी

 

आयुर्वेद में कैसे किया जाता है रूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या का इलाज ? 

रूमेटाइड अर्थराइटिस एक पुरानी ऑटोइम्म्युन बीमारी है, जो लाखों के तादात में लोगों को प्रभावित कर रह रही है | आयुर्वेदिक एक समग्र चिकित्सक प्रणाली है, जिसका अभ्यास भारत में पिछले 5000 या फिर उससे भी अधिक वर्षों से किया जा रहा है | आयुर्वेदिक उपचार केवल लक्षणों का इलाज करने के ही नहीं करता बल्कि यह स्थिति के अंतर्निहित कारण को संबोधित करके पीड़ित व्यक्ति के शरीर, मन और आत्मा में संतुलन बहाल करने में मदद करता है | यह तीन दोषों यानी वात, पित्त और कफ को संतुलन बनाये रखने में मदद करता है | 

 

ऐसा माना जाता है कि शरीर में वात दोष के असंतुलन होने के कारण ही रूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या उत्पन्न होती है, जिसे आयुर्वेद में आमवात के रूप से भी जाना जाता है | रूमेटाइड अर्थराइटिस के इलाज के लिए आयुर्वेदिक उपचार मुख्य रूप से डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रियाओं, आहार संशोधन, जीवन शैली बदलाव, योग, मालिश, ध्यान और प्रकृति दवाओं पर केंद्रित होता है | यदि आप में से कोई भी व्यक्ति रूमेटाइड अर्थराइटिस से परेशान है तो इलाज के लिए आप डॉक्टर गौहर वात्स्यायन से परामर्श कर सकते है | 

आयुष आयुर्वेद एंड पंचकर्म सेंटर के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर गौहर वात्स्यायन पंजाब के बेहतरीन आयुर्वेदिक दवाओं स्पेशलिस्ट में से एक है, जो प्राकृतिक उपचार के माध्यम से आपके समस्याओं का सटीकता से इलाज कर सकते है | इसलिए परामर्श के लिए आयुष आयुर्वेद एंड पंचकर्म सेंटर की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं और अपनी नियुक्ति को बुक करें | इसके अलावा आप चाहे तो वेबसाइट में मौजूद नंबरों से सीधा संस्था संपर्क कर सकते है |        

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आयुर्वेदिक दवाइयां कैसे गठिया की समस्या को करे दूर !

  • June 2, 2023

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जोड़ों में सूजन या गठिया की वजह से व्यक्ति का चलना फिरना काफी मुश्किल हो जाता है जिसकी वजह से उसको काफी परेशानी होती है। वही आयुर्वेद के अनुसार गठिया मुख्यतः ख़राब वात दोष के कारण होता है। इसके अलावा गठिया की समस्या से हम कैसे खुद का बचाव कर सकते है या वह कौन-सी आयुर्वेदिक दवाइयाँ है जो गठिया की समस्या से हमे आराम दिलवाएगी हम इसके बारे में आर्टिकल में चर्चा करेंगे, इसलिए आर्टिकल के साथ अंत तक जरूर बने रहे ;

गठिया की समस्या क्या है ?

 

  • गठिया रोग एक ऐसी अवस्था है जिससे पूरी दुनियाभर में करोड़ों लोग परेशान हैं। अंग्रेजी में इसे आर्थराइटिस के नाम से जाना जाता है। यह रोग घुटनों में दर्द और अकड़न पैदा कर देता है और आमतौर पर बुजुर्ग वर्ग में ये समस्या ज्यादा पाई जाती है। 
  • लेकिन आज के दौर में बदलती जीवनशैली की वजह से यह रोग युवाओं में भी देखा जा रहा है। पुरूषों की तुलना में महिलाओं के अंदर यह शिकायत ज़्यादा देखने को मिलती है। 

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गठिया की समस्या क्यों उत्पन होती है ?

  • हमारे शरीर के जोड़ों में एक नर्म और लचीला टिशु मौजूद होता है जिसे कार्टिलेज कहा जाता है। जब हम चलते हैं तो जोड़ों पर दबाव पड़ता है। ऐसे में कार्टिलेज प्रेशर और शाॅक को अवशोषित कर हमारे जोड़ों की सुरक्षा करता है। जब व्यक्ति को गठिया रोग जैसी बीमारी होती है, तो ऐसे समय में कार्टिलेज की मात्रा में कमी हो जाती है जिस वजह से एक हड्डी दूसरी हड्डी से रगड़ती है और गठिया की समस्या उत्पन्न करती हैं।
  • यदि गठिया परिवारिक रोग है तो मुमकिन है की ये रोग आपको भी जरूर अपनी गिरफ्त में लेगा।
  • मोटापा भी गठिया रोग होने की संभावनाएं बढ़ा सकता है। क्युकि ऐसे में हमारा शरीर काफी भारी हो जाता है, जिसको हमारा जोड़ सहन करने में असमर्थ हो जाता है, जिससे जोड़ो में दर्द की समस्या होती है। 

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कौन-सी आयुर्वेदिक दवाई गठिया की समस्या से दिलवाएगी निजात ?

  • “योगराज गुग्गुलु” सभी प्रकार के गठिया के लिए सबसे व्यापक रूप से उपयोगी आयुर्वेदिक उपचारों में से एक है। यह तीनों दोष (वात, पित्त और कफ) को शांत करता है और दर्द, सूजन से राहत दिलवाता है। 
  • “महानारायण तेल” जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द से राहत के लिए एक बेहतरीन आयुर्वेदिक दवा है। इस तेल की मालिश से सभी प्रकार के गठिया जैसे रुमेटी या गाउट में राहत मिलती है। 
  • आयुर्वेदिक तरीके से तैयार किया गया “धन्वंतरम तेल” एक आयुर्वेदिक औषधीय तेल है जो गठिया रोगियों के इलाज के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। 
  • “रसनादि कषायम” गठिया के लिए एक और प्रभावी आयुर्वेदिक औषधि है जो तरल रूप में पाई जाती है। ये गठिया के दर्द और सूजन से राहत दिलवाती है। 
  • “आमवातारि रस” में शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां होती है, जो रुमेटी गठिया के मूल कारणों पर अपना प्रभाव डालते हैं और दर्द, सूजन और जकड़न को कम करते हैं।

यदि आप भी गठिया की बीमारी से ग्रस्त है तो दीप आयुर्वेदा हॉस्पिटल का चयन करे। 

निष्कर्ष :

गठिया की समस्या क्या है इसके बारे में अगर आप जान चुके है, तो इसके इलाज में देरी न करे बल्कि समय पर आयुर्वेदिक डॉक्टर की मदद से इसका इलाज करवाए।