साँस की बीमारी क्या है, जानिए इसके लक्षण और बचाव के तरीके !
अस्थमा या जिसे साँस फूलने की बीमारी के नाम से भी जाना जाता है जोकि एक लाइलाज बीमारी है, और ये बीमारी अगर किसी व्यक्ति को अपनी गिरफ्त में ले लें, तो व्यक्ति के इस मर्ज का खात्मा जड़ से नहीं किया जा सकता और ताउम्र इस रोग से ग्रस्त व्यक्ति को दवाइयों के बल पर चलना पड़ता है, वहीं दूसरी और इस रोग का इलाज व कुछ अन्य बातों को ध्यान में रख कर आप कैसे इस तरह की समस्या से खुद का बचाव कर सकते है इसके बारे में आज के लेख में चर्चा करेंगे, तो शुरुआत करते है आर्टिकल की ;
साँस फूलने की बीमारी क्या है ?
- साँस फूलना जिसे अस्थमा या दमे की बीमारी के नाम से भी जाना जाता है। जब किसी भी व्यक्ति की सांस की नलियों में खराबी या उसके फेफड़ों की नलियां पतली हो जाती है और इसके कारण सांस लेने में तकलीफ होती है तो इस बीमारी को दमे या अस्थमा की बीमारी कहा जाता है।
- कई दफा इस बीमारी की वजह से व्यक्ति को दौरे भी पड़ते है। इसलिए डॉक्टरों के द्वारा इसके सबसे अच्छे इलाज में इनहेलर को बताया गया है। इनहेलर को अस्थमा के रोगियों को हमेशा अपने साथ रखना चाहिए।
- यदि वे इनहेलर का इस्तेमाल कम करेंगे या उसे इस्तेमाल करना छोड़ देंगे तो यह उनके लिए बहुत खतरनाक होगा।
बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक की मदद से भी आप अस्थमा की बीमारी का इलाज करवा सकते है।
अस्थमा की बीमारी के कारण क्या है ?
- धुएं के कारण साँस का फूलना।
- कोहरे के संपर्क से दुरी बनाकर रखना।
- तेज-तेज चलने के कारण साँस लेने में तकलीफ का सामना करना।
- धूल व मिट्टी के कारण साँस का फूलना।
- मौसम बदलने के दौरान समस्या का सामना करना।
- श्वसन नलिकाओं में इंफेक्शन के कारण भी आप साँस फूलने जैसी समस्या का सामना कर सकते है।
अस्थमा के रोगियों को क्या खाना चाहिए ?
- विटामिन-डी से भरपूर चीजों का सेवन करें, जैसे ब्रोकली, मशरूम, गाजर, सामन को अपने आहार में शामिल करें।
- ताजे फल और सब्जियों के साथ संतुलित भोजन का सेवन करें।
- साबुत आनाज (गेहूं सेरोटी, पराठा, भाकरी, पूरी, दलिया, ब्रैड) को अपने आहार में शामिल करें।
- मैग्नीशियम वालें प्रदार्थो (पालक, मेथी, सरसों, केल) को अपने आहार में शामिल करें।
अस्थमा के लक्षण क्या है ?
- इसके लक्षणों में साँस फूलना।
- साँस लेने में तक़लीफ़ का सामना करना।
- साँस का उखड़ जाना।
- अत्यधिक ख़ासी का आना।
- अत्यधिक थकान महसूस करना।
- कोहरे या धुएं से एलर्जी होना आदि।
इसके लक्षण अगर इससे भी ज्यादा गंभीर हो जाए तो इससे बचाव के लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करना चाहिए।
अस्थमा का इलाज क्या है ?
- यदि किसी व्यक्ति को अस्थमा की बीमारी हो गई है, तो उसको जिंदगी भर इनहेलर का इस्तेमाल करना पड़ सकता है, परंतु कुछ एहतियात और इलाज है, जिसके द्वारा अस्थमा की बीमारी पर काबू पाया जा सकता है।
- जो लोग अस्थमा की बीमारी से छुटकारा पाना चाहते है उन्हें चाहिए कि वे अपनी जीवनशैली को सुधारें। जीवनशैली में सुधार के द्वारा ही हम इस खतरनाक बीमारी से बच सकते है।
- यदि कोई नशीले पदार्थ का इस्तेमाल करता है तो उसे चाहिए कि वह नशीली चीजों को छोड़ दे।
- धूल, मिट्टी से परहेज करें, क्योंकि धूल व मिट्टी के द्वारा भी अस्थमा की बीमारी हो सकती है।
- बहुत से लोगों को मौसम के बदलने से बहुत फर्क पड़ता है और यह अस्थमा के रोगियों के लिए खतरनाक है। इसलिए जब भी मौसम की तबदीली हो तो उन्हें खास तरीके से रहना चाहिए।
- अगर किसी को किसी भी तरीके की एलर्जी है तो उसे उस एलर्जी का इलाज करवाना चाहिए। अगर अस्थमा की बीमारी है तो उससे बचाव के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
- जिन लोगों को अस्थमा की बीमारी है उन्हें चाहिए कि वह ज्यादा ना सोएं, क्योंकि अस्थमा की बीमारी ज्यादा सोने से बढ़ सकती है।
अस्थमा के इलाज के लिए बेस्ट आयुर्वेदिक हॉस्पिटल !
अगर आप अस्थमा का इलाज आयुर्वेदिक तरीके से करवाना चाहते है तो इसके लिए आपको दीप आयुर्वेदा हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए, वही इस हॉस्पिटल में आयुर्वेदिक इलाज की मदद से अस्थमा का उपचार अनुभवी डॉक्टरों के द्वारा किया जाता किया जाता है।
निष्कर्ष :
अस्थमा की बीमारी काफी खतरनाक है इसलिए जरूरी है की इसका इलाज करवा लिया जाए, क्युकि इस बीमारी में व्यक्ति के जान जानें का भी जोखिम काफी ज्यादा होता है।