स्वर्ण प्राशन की मदद से कैसे नवजात बच्चो के इम्यून को बढ़ाया जा सकता है ?

आयुर्वेद में क्या है स्वर्णप्राशन जानें पूरी जानकारी ?
child immunity

स्वर्ण प्राशन की मदद से कैसे नवजात बच्चो के इम्यून को बढ़ाया जा सकता है ?

  • May 15, 2023

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इम्युनिटी की कमी सिर्फ बड़ो में ही देखने को नहीं मिलती बल्कि नवजात बच्चो में भी इसकी समस्या देखने को मिलती है। क्युकि नवजात बच्चे बोल नहीं सकते जिस वजह से उन्हें काफी परेशानी होती है। पर आयुर्वेद में इसकी बेहतरीन दवाई है जिसका प्रयोग आप बच्चे की हेल्थ पर करते है तो उन्हें काफी आराम मिलता है। इसलिए आज का लेख नवजात बच्चो के लिए है इसलिए मात्राएँ खास कर इस लेख को अंत तक पढ़े, ताकि वो अपने बच्चो की इम्युनिटी सिस्टम को सुधारने में सफल हो सके ;

स्वर्णप्राशन क्या है ?

स्वर्ण प्राशन एक प्राचीन आयुर्वेदिक दवा है ये किस लिए काम में आती है इसके बारे में हम निम्न में बात करेंगे ;

● स्वर्ण प्राशन वह प्रक्रिया है, जिसमें स्वर्ण यानि भस्म (सोने की शुद्ध राख) को जड़ी-बूटियों के अर्क से तैयार घी और तरल या सेमी-सॉलिड रूप में शहद के साथ मिलाकर बच्चों को दिया जाता है। यह एक ऐसा वैदिक प्रोग्राम है जो बच्चों के शारीरिक और साइकोलॉजिकल लेवल के पूर्ण विकास में मदद करता है। और साथ ही ये बच्चों के इम्यून सिस्टम को भी काफी बढ़ावा देती है।

यदि आप स्वर्णप्राशन की सामग्री को लेना चाहते है तो बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक का चयन करें।
स्वर्णप्राशन को देने की उम्र कब से कब तक की है ?

स्वर्णप्राशन को मौखिक रूप से खाली पेट व सुबह के समय दिया जाता है।

● यह जन्म से 16 साल की आयु तक दिया जा सकता है। इसे स्पष्ट मक्खन और शहद के साथ 6 महीने तक दो बूंद और 6 महीने के बाद चार बूंद की खुराक में दिया जाता है। इसे रोजाना न्यूनतम 30 दिन और अधिकतम 180 दिन तक दिया जा सकता है।
● इस दवाई को किस नवजात बच्चों को दिया जा सकता है और किस को नहीं ये जानने के लिए बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह ले।

स्वर्ण प्राशन की मदद से बच्चों के इम्यून को कैसे बढ़ाया जा सकता है ?

● स्वर्णप्राशन बच्चों को हर महीने में समय के अनुसार दिया जाता है। इससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

● द्रव्य रूप में उपलब्ध इस औषधि की एक-एक बूंद बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर उन्हें शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत बनाती है। स्वर्णप्राशन लेने वाले बच्चों की इम्यूनिटी बूस्ट होती है।

क्या स्वर्णप्राशन को रोजाना दिया जा सकता है ?

● हां, इसे बिना किसी साइड इफेक्ट के हम अपने बच्चों को रोजाना दे सकते है। क्युकि इसका असर हमारे बच्चे पर काफी अच्छा होता है।

स्वर्ण प्राशन बच्चे को कहा दिया जाता है ?

● स्वर्णप्राशन की रस्म हिन्दू धर्म में पुराने समय से चलती आ रही है। ये एक तरह की रस्म है जिसमे जब बच्चा जन्म लेता है फिर चाहे वो जन्म हॉस्पिटल में ले या घर में ले, तो उसको सोने या फिर चांदी की सली में शहद डाल के चटाया जाता है। जिसे शहद चटाने की रस्म के नाम से भी जाना जाता है।

● इसको चटाने से बच्चे का इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है।

सुझाव :

स्वर्णप्राशन क्या है के बारे में हम बता ही चुके है। इसके इलावा स्वर्णप्राशन की दवाई अगर आपने देनी है तो आयुर्वेद दीप अस्पताल का चयन करे।

निष्कर्ष :

स्वर्णप्राशन हिन्दू धर्म ग्रंथो से जुडी एक रस्म है जिसे शहद चटाने की रस्म के नाम से जाना जाता है। ये बच्चों की इम्यून को भी मजबूत करने में सहायक मानी जाती है।