क्या नींबू के रस किया जा सकता है बवासीर का सटीकता से इलाज ?
बवासीर व्यक्ति के मलाशय और गुर्दे की मांसपेशियों में होने वाली सूजन होती है, जिससे रक्तस्त्राव की समस्या उत्पन्न हो जाती है | बवासीर की समस्या से पीड़ित व्यक्ति को मल त्यागने के दौरान सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पद जाता है | लेकिन घबराएं नहीं, बवासीर की इलाज आसानी से किया जा सकता है | इसके निदान के लिए आप घरेलू उपचार का भी उपयोग कर सकते है |
बवासीर के इलाज के लिए नींबू का रस का उपयोग किया जा सकता है | नींबू विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट जैसे तत्वों से भरपूर होता है, जो त्वचा को शिथिल होने में मदद करती है | आइये जानते है नींबू से बवासीर से पीड़ित व्यक्ति को कौन-कौन से फायदे प्राप्त हो सकते है और किन तरीकों से किया जाता है नींबू का उपयोग :-
बवासीर से पीड़ित व्यक्ति के लिए नींबू के रस के उपयोग के क्या फायदे है ?
- नींबू का रस विटामिन सी तत्वों से भरपूर होता है, जो त्वचा के लिए बेहद लाभदायक होता है | बवासीर से गुर्दे के आस-पास क्षेत्र की रक्त वाहिकाओं में काफी सूजन आ जाती है जिससे नींबू के रस के सेवन से ठीक किया जा सकता है |
- व्यक्ति के ब्लड सेल्स को सुरक्षा प्रदान कारण का कार्य करता है और मांसपेशियों में फुर्ती लाता है |
- नींबू का रस बवासीर से हो रहे दर्द को कम करने में सक्षम है |
- नींबू के रस के सेवन करने के बाद मल त्यागने में काफी आसानी हो जाती है |
- नींबू में मौजूद फाइबर गुण भोजन को पचाने में काफी मदद करता है |
- बवासीर से पीड़ित व्यक्ति को कब्ज और एसिडिटी की बहुत समस्या होती है, लेकिन नींबू के रस की मदद से इस समस्या का निदान किया जा सकता है |
नींबू के रस के अन्य फायदे कौन-कौन से है ?
- नींबू के रस वजन को कम करने में मदद करता है |
- यह शरीर में मौजूद प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है,ताकि यह रोग से उत्पन्न खतरनाक बैक्टीरिया को ख़तम कर सके |
- नींबू के रस को पानी में मिलकर, इस पेय के सेवन से व्यक्ति का शरीर हमेशा हाइड्रेट रहता है |
- नींबू के रस में मौजूद सिट्रिक एसिड किडनी स्टोन से पीड़ित व्यक्ति के लिए बेहद लाभदायक है |
- चेहरे की त्वचा में उत्पन्न मुंहासे और झुर्रियां से मुक्ति पाने के लिए भी नींबू के रस का उपयोग किया जाता है |
बवासीर के इलाज के लिए नींबू के रस का उपयोग कैसे करें ?
निम्नलिखित प्रक्रिया के माध्यम से नींबू के रस का उपयोग कर बवासीर से पड़ रहे प्रभावों को कम किया जा सकता है :-
- नींबू के रस को कटोरी में लेकर उसे रुई के माध्यम से गुर्दे के प्रभावित क्षेत्र में लगाएं, ऐसा करने से नुकसान पहुंचे क्षेत्र में हुए सूजन को कम किया जा सकता है | इसके माध्यम से बवासीर से हो रही खुजली की समस्या को भी कम किया जा सकता है |
- नींबू को किसी भी फार्म में अपने आहार में शामिल करें, आप चाहे तो दाल और सब्जी में नींबू के रस को डाल कर सेवन कर सकते है |
- एक गिलास गर्म पानी में नींबू के रस को मिलाकर, उस पेय का सेवन करें, ऐसा करने से पाइल्स की समस्या से निदान पाया जा सकता है |
नींबू और शहद का सेवन करें :- बवासीर से पीड़ित व्यक्ति को रोज़ाना रात को सोने से पहले नींबू और शहद का सेवन ज़रूर करना चाहिए | भोजन करने के बाद दो बड़े चमच्च नींबू के रस को आधा चमच्च शहद में अच्छे से मिलाएं और इस मिश्रण को ऐसे ही सेवाएं करें | ऐसा करने से बवासीर से हो रही खुजली की समस्या कम हो जाती है और इसके अलावा भोजन को पचने में भी काफी मदद मिलती है | यदि आप प्रतिदिन नींबू और शहद का सेवन करते है तो आपको पाइल्स की समस्या से राहत भी मिल सकती है |
नींबू और दूध है बवासीर के लिए फायदेमंद :- नींबू और दूध का मिश्रण बवासीर से पीड़ित व्यतियों के लिए अनेकों फायदे प्रदान करता है | दूध में ऐसे मिनिरल्स और प्रोटीन तत्वों से भरपूर होता है, जो शरीर को स्वस्थ होने की गतिशीलता को बढ़ाता है | नींबू और दूध के मिश्रण से बने पेय के सेवन से खुनी बवासीर की समस्या को कम किया जा सकता है |
यदि आप भी बवासीर की समस्या से पीड़ित है और कई अलोपथी संस्था में इलाज करवाने के बाद भी आपकी स्थिति में किसी भी प्रकार सुधर नहीं आ रहा है तो इलाज में आयुष आयुर्वेदा और पंचकर्मा सेंटर आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर गौहर वात्सायन आयुर्वेदिक हर्बल में स्पेशलिस्ट है, जो आयुर्वेदिक उपचार के माध्यम से बवासीर का स्थायी रूप से इलाज कर सकते है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही आयुष आयुर्वेदा और पंचकर्मा सेंटर नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट में दिए गए नंबरों से सीधा संपर्क कर सकते है |