शुगर के स्तर नियंत्रित कैसे करें ? अपनाएं ऐसे युक्तियाँ, जो करें शुगर को नियंत्रित करने में मदद

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शुगर के स्तर नियंत्रित कैसे करें ? अपनाएं ऐसे युक्तियाँ, जो करें शुगर को नियंत्रित करने में मदद

  • November 9, 2024

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शुगर की समस्या को डायबटीज़ या फिर मधुमेह के नाम से भी जाना जाता है | दुनियाभर में शुगर की बीमारी से करोड़ों की संख्या में लोग जूझ रहे है | इस स्थिति में इन्सुलिन का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हो पता है, जिसके वजह से ब्लड में मौजूद ग्लूकोस और शुगर का स्तर बढ़ने लग जाता है | डायबटीज़ की बीमारी एक गंभीर समस्या है, जिसके इलाज में कभी भी लापरवाही नहीं दिखाना चाहिए, क्योंकि स्थिति गंभीर होने पर इसके जोखिम कारक का खतरा बढ़ सकता है | शरीर में शुगर का स्तर बढ़ने से हार्ट अटैक जैसी दीर्घकालिक समस्या का सामना करना पड़ सकता है | लेकिन घबराएं नहीं, ऐसी कुछ युक्तियाँ है, जिसकों अपनाने से आप शुगर के स्तर नियंत्रित करने की कोशिश कर सकते है | आइये जानते है ऐसे ही युक्तियों के बारे में :- 

 

  1. नियमित रूप से शुगर के स्तर की निगरानी करें 

 

पीड़ित मरीज़ के लिए बार-बार शुगर के स्तर की निगरानी करना बेहद महत्वपूर्ण होता है | इसके लिए आप पूरे दिन में अलग-अलग समय पर ग्लूकोमीटर के ज़रिये अपनी स्थिति की जांच कर सकते है | इसके आलावा अपने भोजन और दवाओं में बदलाव लाने से भी शुगर के स्तर की नियमित रूप से निगरानी कर सकते है और इस बात का पता कर सकते है कि आपका शरीर में कौन-सा खाद्य पदार्थ कैसे प्रतिक्रिया कर रहा है |  

  1. संतुलित भोजन को अपनाएं 

 

संतुलित आहार प्रत्येक गतिविधयों में अपनी अहम भूमिका को निभाने का कार्य करता है | इसलिए अपने रोज़ाना डाइट में साबूत अनाज, अतिरिक्त प्रोटीन और भरपूर मात्रा में हरी- पत्तेदार सब्ज़ियां को शामिल करें | मीठे पदार्थ और कार्बोनेटेड पेय जैसे खाद्य पदार्थ का सेवन बिलकुल सिमित करें | फाइबर युक्त खाद पदार्थ को डाइट में शामिल करने से शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में सहायता प्राप्त हो सकती है  | 

 

  1. सक्रिय रहे 

 

नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम करने से आप शुगर के स्तर को नियंत्रित कर सकते है | प्रतिदिन कम से कम 150 मिनट के लिए ऐसी गतिविधियों में शामिल हो, जिससे मध्य-तीव्रता से किया जाता है, जैसे की साइकिलिंग करना, तैराकी, तेज़ी से चलना आदि | इसके अलावा शक्ति प्रशिक्षण अभ्यास भी सहायक हो सकते है | यदि आप किसी भी नयी गतिविधि की शुरुआत करने जा रहे हो तो इसको शुरू करने से पहले एक बार अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श ज़रूर कर ले | 

 

  1. तनाव को कम करें 

 

अत्यधिक तनाव लेने से शुगर की स्थिति काफी हद तक प्रभावित हो सकती है | इसलिए तनाव को कम करने के लिए जागरूकता, चिंतन या फिर योगासन जैसे तरीकों का प्रतिदिन अभ्यास करें | इसके अलावा इस बात का भी सुनिश्चित करें की आप पर्याप्त रूप से नींद को पूरा करें, क्योंकि खराब नींद शुगर के स्तर को बढ़ा सकती है | 

 

  1. पर्याप्त रूप से पानी का सेवन करें 

 

पर्याप्त रूप से पानी का सेवन करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है, खासतौर पर मधुमेह से पीड़ित मरीज़ों के लिए, ताकि शरीर में उचित जलयोजना  के स्तर को बनाए रखा जा सके | शुगर से संबंधित समस्याओं को रोकने के लिए प्रतिदिन पीड़ित मरीज़ों को कम से कम आठ गिलास पानी का सेवन ज़रूर करना चाहिए | 

 

  1. नियमित रूप से जांच करवाएं  

 

आपकी स्थिति की पर्याप्त रूप से निगरानी के लिए अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के पास जाएं | इसके अलावा समय-समय पर अपनी आंखों की भी जांच करवाएं, क्योंकि शुगर की स्थिति गंभीर होने पर यह आंखों के स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है | नितंबों की जांच और नियमित रूप से रक्त परीक्षण आपके समग्र स्वास्थ्य की निगरानी के लिए बेहद आवश्यक होता है | 

शुगर का स्तर बढ़ने से यह कई तरह के जटिलताओं को उत्पन्न करने में सक्षम होती है | इसलिए यदि यह सब करने के बावजूद आपकी स्थिति पर किसी भी प्रकार का सुधर नहीं आ रहा है तो बेहतर यही है की आप अच्छे विशेष्ज्ञ के पास जाएं और अपनी स्थिति को जांच पड़ताल करवाएं, ताकि इससे पड़ रहे जोखिम कारक को कम करने में मदद मिल सके, क्योंकि स्थिति गंभीर होने पर पीड़ित व्यक्ति को दिल का दौरा भी पड़ सकता है | 

 

यदि एलॉपथी में इलाज करवाने से आपकी स्थिति पर किसी भी प्रकार का सुधार नहीं आ रहा है तो इलाज के लिए आप आयुष आयुर्वेद एंड पंचकर्म सेंटर से परामर्श कर सकते है | आयुष आयुर्वेद एंड पंचकर्म सेंटर अपने मरीज़ों का इलाज प्राकृतिक उपचार और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के माध्यम से करता है, जिससे वह मरीज़ जल्द से जल्द ठीक भी हो जाते है और उन्हें किसी भी प्रकार के दुष्प्रभवों को झेलना नहीं पड़ता | 

 

इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर गौहर वात्स्यायन आयुर्वेदिक उपचार में स्पेशलिस्ट है, जो पिछले 13 वर्षों से पीड़ित मरीज़ों का आयुर्वेदिक उपचारों के माध्यम से इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही आयुष आयुर्वेद एंड पंचकर्म सेंटर की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से संपर्क कर सकते है |         

            

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पेशाब से होने वाले जलन के लिए अपनाएं ये पांच घरेलू नुस्खे, जिससे मिले तुरंत राहत

  • September 26, 2024

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कई लोगों को पेशाब करने के दौरान जलन और दर्द की परेशानी से गुज़ारना पड़ जाता है | जिसके कई कारण हो सकते है, जिनमें से एक यूरिन इन्फेक्शन | यदि आपको भीं यूरिन इन्फेक्शन की बीमारी है तो इससे पेशाब करने के दौरान जलन होना सामान्य है | इस स्थिति के इलाज के लिए कई तरह के दवाओं का सेवन किया जाता है, लेकिन आपको बता दें कुछ घरेलु नुस्खें होती है जिसके उपयोग से पेशाब से होने वाली जलन को कम किया जा कसता है | आइये जानते है ऐसे ही पांच घरेलु नुस्खों के बारे में :- 

पेशाब में जलन को कम करने में तुलसी है सक्षम   

 

आयुष आयुर्वेद एंड पंचकर्म सेंटर के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर वात्सयायन ने यह बताया की पेशाब में होने वाली जलन की समस्या को कम करने के लिए आप तुलसी की पत्तियों का उपयोग कर सकते है | इन पतियों में कई तरह से वायरस, फंगस और बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता होती है | आयुर्वेद में तुसली के पत्ते को कई तरह के बिमारियों के इलाज के लिए औषधि के रूप में  उपयोग किया जाता है, जिसमें यूरिन इन्फेक्शन की परेशानी को ही दूर किया जाता है | पेशाब से होने वाली जलन को कम करने के लिए 6 से 7 तुलसी के पत्ते को पीसकर, इसमें शहद मिलक खाएं |  

 

जीरा करें पेशाब से होने वाली जलन को शांत             

 

जीरा सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते है, जो कई तरह के बैक्टीरियल स्थितियों से लड़ने में मदद करता है | पेशाब से होने वाली जलन को कम करने के लिए जीरा काफी कारगर सिद्ध है | एक अध्ययन से यह पता चला है की जीरा का एसेंशियल आयल यूरिन इन्फेक्शन से लड़ने के लिए सबसे प्रभावी माना जाता है | इसके लिए आप जीरे के साथ गर्म पानी का सेवन कर सकते है | ये बार-बार पेशाब में होने वाली कम कर सकता है, साथ ही यह पेशाब से होने वाली जलन को कम करने में भी सक्षम होता है |  

 

आंवला करें पेशाब से होने वाली जलन को दूर 

 

आंवला विटामिन सी जैसे पौष्टिक तत्वों से भरपूर होते है, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने का काम करता है | इसके उपयोग से बार-बार पेशाब में होने वाली समस्या को कम किया जा सकता है | यह यूरिन प्रवाह को उत्तेजित करता है, जिससे यूरिन इन्फेक्शन को कम करने में मदद मिल सकती है और साथ ही पेशाब से होने वाली जलन को कम किया जा सकता है | 

 

वजन को घटाएं        

 

नियमित रूप से अधिक वजन होने के कारण मूत्राशय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे बार-बार पेशाब करने में परेशानी हो सकती है | ऐसे में यह ज़रूरी हो जाता है की बढ़ते वजन को कम करें | यदि आप चाहते है की आपका वजह कम हो जाएं तो इसके लिए आप अपने जीवनशैली में रोज़ाना एक्सरसाइज और हेअल्थी डाइट को शामिल करें | 

 

कीगल एक्सरसाइज    

 

यूरिन इन्फेक्शन को कम करने के लिए आप कीगल एक्सरसाइज को अपना सकते है | यह पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मज़बूती प्रदान करता है | इस एक्सरसाइज की करने के अपने योनि को इस तरह से मोड़े, जैसे आप पेशाब रोकने की कोशिश कर रहे हो | दिन में तीन से चार बाद इस मुद्रा को करने से यूरिन इन्फेक्शन की समस्याओं को कम करने में मदद मिल सकती है | 

यदि यह सब करने के आपकी स्थिति में किसी भी प्रकार का सुधार नहीं आ रहा है तो इसके लिए आप आयुष आयुर्वेद एंड पंचकर्म सेंटर से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर गौहर वात्स्यायन आयुर्वेद जड़ी-बूटियों में स्पेशलिस्ट है, जो इस समस्या को प्राकृतिक उपचार के उपयोग से कम करने में मदद कर सकते है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही आयुष आयुर्वेद एंड पंचकर्म सेंटर नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |