त्वचा के प्रकार के आधार पर आयुर्वेद की मदद से कैसे रखें त्वचा का ध्यान ?
हर व्यक्ति की चाहत होती है की उसकी त्वचा सुन्दर और बेहतरीन दिखे और इसके लिए कई दफा व्यक्ति के द्वारा काफी कुछ किया जाता है। पर त्वचा को ठीक रखने के लिए जरूरी है की आपको इस बात का पता होना चाहिए की आपकी त्वचा किन तीन दोषों के साथ जुडी है। इसके अलावा आयुर्वेद कैसे त्वचा की रक्षा करते है इसके बारे में भी कुछ प्रमुख बातों को आपके सामने प्रस्तुत करेंगे ;
आयुर्वेद के अनुसार स्किन के प्रकार और उनके दोष क्या है ?
आयुर्वेद के अनुसार त्वचा को तीन भागों में विभाजित किया गया है, जिसको वात, पित्त और कफ या कपा के नाम से जाना जाता है, तो चलिए जानते है की इन तीनों का हमारे त्वचा के साथ कैसा संबंध है और इनके असंतुलित होने पर कैसा प्रभाव पड़ता है हमारी त्वचा पर ;
वात (पवन) दोष :
आयुर्वेद के अनुसार एक वात दोष से पीड़ित व्यक्ति की त्वचा सूखी और खुरदरी होती है, जिसे नियमित रूप से मॉइस्चराइज न करने पर झुर्रियां पड़ जाती है। वात प्रकार की त्वचा में कम फैट जमा होता है और बाहरी और आंतरिक रूप से अधिक मॉइस्चराइजिंग की आवश्यकता होती है। आम भाषा में समझें तो ये ड्राई स्किन का प्रकार है। ऐसे में त्वचा पर तेल आधारित मॉइस्चराइजर का उपयोग करने और अदरक जैसे गर्म मसालों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में आपको अश्वगंधा और शहद जैसी चीजों से बने फेस मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि त्वचा की ड्राईनेस कम हो।
तैलीय त्वचा से बचाव के लिए आपको क्या करना चाहिए, इसके बारे में जानने के लिए बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लें।
पित्त (अग्नि) दोष :
पित्त को आप आसानी से ऐसे समझें कि ऐसे लोगों कि स्किन ऑयली होती है। यानी कि उच्च पित्त वाले लोग तैलीय त्वचा वाले होते है, जिन्हें पिंपल्स आदि की परेशानी ज्यादा होती है। इस प्रकार की त्वचा में पोर्स किसी भी कारण से अधिक सीबम रिलीज करते है। ऐसी त्वचा वाले लोगों को एलोवेरा, हल्दी, और चंदन जैसी ठंडी चीजों को चेहरे पर इस्तेमाल करना चाहिए।
कपा (पानी और पृथ्वी) दोष :
कपा पित्त वाले लोगों की त्वचा ठंडी और ऑयली होती है। इसमें पिंपल्स, वाइटहेड्स और वाटर रिटेंशन होने का खतरा अधिक रहता है। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी ये होता है कि आप अपनी स्किन को साफ रखें और उसमें गंदगी जमा न होने दें। ऐसी त्वच में ड्राई ब्रशिंग करने की सलाह दी जाती है। साथ ही इसमें तेल आधारित क्रीम से बचने और नियमित रूप से फेस मास्क इस्तेमाल करने को कहा जाता है।
त्वचा की समस्याओं को दूर करने के लिए किन बातों का ध्यान रखें !
शरीर को हाइड्रेटेड (पानी की कमी न होने दें) रखें :
अपने आप को पूरे दिन हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है। इससे न सिर्फ शरीर हेल्दी रहता है बल्कि आपकी त्वचा भी स्वस्थ रहती है। हाईड्रेशन को बनाए रखने के लिए खूब पानी पिएं और बीच-बीच में हर्बल टी भी पिएं। हाइड्रेटेड रखने के लिए ऐसे फलों का चयन करें जिसमे पानी की मात्रा ज्यादा हो। कैमोमाइल, अदरक, या नींबू जैसी जड़ी-बूटियों का उपयोग करके चाय बनाएं और इसे दोपहर में अपने पाचन को स्वस्थ रखने के लिए पिए। इससे जब आपका पाचन तंत्र सही रहेगा, तो आपकी त्वचा भी स्वस्थ और हेल्दी रहेगी। इसके अलावा आप हरी सब्जियां खाएं, जिसमें पानी की मात्रा ज्यादा हो।
आप चीनी और नमक का सेवन कम करें :
नमक और चीनी का ज्यादा सेवन सिर्फ आपके ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को ही नहीं प्रभावित करता, बल्कि ये आपके स्किन को प्रभावित करता है। दरअसल, शुगर और सॉल्ट का ज्यादा इस्तेमाल आपकी त्वचा में कोलेजन और इलास्टिन को नुकसान पहुंचाते है। ये दो यौगिक आपकी त्वचा को लोचदार, टोंड और झुर्रियों से मुक्त रखते हैं। पर जब आपके शरीर में इन दोनों की मात्रा बढ़ जाती है, तो आप उम्र से पहले ही बूढ़ें नजर आने लगते है। इसके अलावा इन दोनों का सेवन एक्ने की परेशानी को भी बढ़ा देता है।
ब्रीदिंग एक्सरसाइज और ध्यान करें :
- शारीरिक तनाव से ज्यादा, मानसिक तनाव त्वचा की सेहत पर भारी असर डालता है। ब्रीदिंग एक्सरसाइज तनाव को दूर करने और अपने मन को शांत करने का एक शानदार तरीका है। सोने से पहले, एक साधारण सांस लेने का व्यायाम करें। श्वास लें और अपने पेट को हवा से भरें। फिर, इसे उठने दें। अपने फेफड़ों को भरें और फिर विपरीत क्रम में धीरे-धीरे सांस छोड़ें। सोने से पहले या दिन के किसी भी समय 5 से 20 मिनट के लिए इसका पालन करें। यह 20 मिनट की प्रक्रिया आपका स्ट्रेस कम कर देगी और स्किन को अच्छा बना देगी।
- इसके अलावा ध्यान आपकी त्वचा को सुंदर और चमकदार बना सकता है। दरअसल, ध्यान आपके दिमाग को शांत करने में मदद करता है। और जब आपका दिमाग आराम करता है, तो आपके शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बहती है, जो आपकी कोशिकाओं को महत्वपूर्ण ऊर्जा से भर देती है। यह न केवल तनाव को कम करता है बल्कि आपकी त्वचा को फिर से जीवित करता है।
नींद की कमी :
रात में नींद की कमी आपको अगले दिन नींद और थका हुआ महसूस कराती है। यह आपकी त्वचा को भी प्रभावित करती है, जिसके चलते आपकी त्वचा अपनी चमक को खो देती है। नींद न पूरी होने के कारण अंडर-आई बैग्स, सैगी स्किन और डार्क सर्कल जैसी समस्याएं होती है। आयुर्वेद का दावा है कि दिन में 7 से 8 घंटे पर्याप्त नहीं हैं बल्कि व्यक्ति को सही समय पर इतने घंटे सोने की कोशिश करनी चाहिए। इसलिए अपने रात की नींद जरूर पूरी करें।
नारियल तेल और एलोवेरा से चेहरे को मॉइस्चराइज करें :
- नारियल तेल प्रकृति में ठंडा है और बहुत भारी नहीं है। ये आपके हर तरह की स्किन के लिए बेहतरीन मॉइस्चराइजर की तरह काम करता है। ये सूखी और चिड़चिड़ी त्वचा को अंदर से शांत करता है और त्वचा में नई एनर्जी लाता है। इसलिए रात को सोने से पहले चेहरे पर हल्का सा नारियल तेल लगा कर सोएं और सुबह उठकर गुनगुने पानी से अपना चेहरा धोएं।
- इसके अलावा आप एलोवेरा का भी इस्तेमाल कर सकते है। ये न सिर्फ सनबर्न को सही करता है, बल्कि आपकी त्वचा को भी आराम पहुंचाता है। तो आप बस एलोवेरा लें और इसे अपने चेहरे और गर्दन पर लगा लें। इसे 15 से 20 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर इसे सादे पानी से धो लें। इससे आपको अपनी त्वचा निखरी और कोमल नजर आएगी।
कई लोगों को एलोवेरा या नारियल तेल लगाने से त्वचा पर एलर्जी संबंधित समस्याएं हो जाती है, तो ऐसे में आपको स्किन एलर्जी का इलाज करवाना चाहिए।
ध्यान रखें :
खूबसूरत त्वचा की चाहत में आपको किसी भी तरह के उपाय को बिना डॉक्टर के सलाह पर नहीं अपनाना चाहिए, और त्वचा संबंधित समस्याओं से बचाव के लिए आपको दीप आयुर्वेदा हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए।
निष्कर्ष :
त्वचा को बेहतर बनाने में आयुर्वेद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए आयुर्वेद में त्वचा संबंधित जिन भी बातों को बताया गया है उसको अच्छे से समझे और किसी भी तरह के उपायों को अपनाने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें।