एंडोक्राइन सिस्टम क्या है और ये कैसे हमारे शरीर के हार्मोन सिस्टम के साथ संबंधित है ?

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एंडोक्राइन सिस्टम क्या है और ये कैसे हमारे शरीर के हार्मोन सिस्टम के साथ संबंधित है ?

  • September 9, 2023

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अंतःस्रावी तंत्र जिसे एंडोक्राइन सिस्टम के नाम से जाना जाता है, इसके अलावा इस तंत्र को हार्मोन सिस्टम के नाम से भी जाना जाता है, जो हार्मोन बनाने वाली कई ग्रंथियों से बना होता है और इसका काम हार्मोन्स को बनाना और निकालना है। तो चलिए समझने की कोशिश करते है की क्या है, एंडोक्राइन सिस्टम और अगर इनमे कोई खराबी आ जाए तो आयुर्वेद में इसका क्या उपचार मौजूद है, इसके बारे में चर्चा करेंगे ;

क्या है एंडोक्राइन सिस्टम ?

  • एंडोक्राइन सिस्टम को हार्मोन सिस्टम के नाम से भी जाना जाता है। वहीं इस सिस्टम की बात करें तो ये कई ग्रंथियों से मिलकर बना है, जो हार्मोन्स को बनाता है और निकालता है। 
  • हार्मोन्स शरीर के केमिकल के संदेशवाहक होते है, जो कोशिकाओं के एक समूह से दूसरे समूह तक सूचना और निर्देश ले कर जाते है। इन हार्मोन्स से शरीर के कई कार्य नियंत्रित होते है।
  • वहीं हार्मोन एंडोक्राइन सिस्टम ग्लैंड द्वारा बनाए जाते है और शरीर के अलग-अलग ऊतकों को रक्तप्रवाह में भेजे जाते है। यह उन ऊतकों को संकेत भेजते है कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं।

अगर आपके हार्मोन्स सही तरीके से कार्य करने में असमर्थ है, तो इससे बचाव के लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

एंडोक्राइन सिस्टम या हार्मोन्स के द्वारा शरीर के कौन-से कार्य नियंत्रित होते है ?

  • इन हार्मोन्स के द्वारा व्यक्ति का सांस लेना काफी आसान हो जाता है। 
  • मेटाबॉलिज्म भी ठीक रहता है। 
  • रिप्रोडक्शन का भी नियंत्रण में रहना। 
  • संवेदी धारणा। 
  • चलने-फिरने में परेशानी का सामना न करना। 
  • यौन का अच्छे से विकास होना। 
  • शरीर के अन्य हिस्सों का भी अच्छे से विकास होना इसके कार्य में शामिल है।

अगर किसी कारणवश ये उपरोक्त कार्य आपके शरीर में नियंत्रित न रहें, तो इससे बचाव के लिए आपको इसका इलाज बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक से जरूर करवाना चाहिए।

एंडोक्राइन सिस्टम काम कैसे करते है ?

  • हार्मोन जब हमारे शरीर में उद्देश्य वाली जगह पर पहुंचते है तो उसके बाद एक रिसेप्टर से जुड़ जाते है। यह एक चाबी के तरह है, जो एक प्रकार के लॉक में फिट हो जाते है। जब इसके रिसेप्टर में हार्मोन सुरक्षित होते है, तो यह एक संदेश भेजते है। यह उद्देश्य साइट की एक विशेष कदम का कारण बनता है। यह हार्मोन रिसेप्टर्स कोर के अंदर या कोशिका की सतह पर मौजूद हो सकते है।
  • आखिर में हार्मोन पूरी ग्रंथियों के काम को नियंत्रित करते है, जो विकास, सुधार, प्रसार और यौन विशेषताओं के रूप में अलग-अलग चक्रों को प्रभावित करते है। हार्मोन अतिरिक्त रूप से प्रभावित करते है कि शरीर उनका इस्तेमाल कैसे करता है। यह ऊर्जा को इकट्ठा करने के साथ ही द्रव की मात्रा को भी नियंत्रित करते है। इसके अलावा यह रक्त में कुछ मात्रा में लवण और ग्लूकोज को नियंत्रित करते है। वहीं सीमित मात्रा में हार्मोन शरीर में ज़्यादा बड़ी प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर कर सकते है।
  • भले ही हार्मोन पूरे शरीर में प्रवाहित होते है, लेकिन प्रत्येक प्रकार के हार्मोन सिर्फ कुछ एंडोक्राइन सिस्टम ग्लैंड्स और ऊतकों को प्रभावित करते है। जबकि कुछ हार्मोन सिर्फ कुछ ग्रंथियों को ही प्रभावित करते है। इस प्रकार दूसरे हार्मोन पूरे शरीर को प्रभावित करते है।

एंडोक्राइन सिस्टम कैसे हमारे स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हुआ है ?

  • डायबिटीज मेलिटस, जो अग्न्याशय द्वारा पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करने या शरीर द्वारा मौजूद इंसुलिन पर प्रतिक्रिया नहीं करने के कारण हो सकता है।
  • हाइपोथायरायडिज्म में आयोडीन की अनुपस्थिति जैसे पर्यावरणीय या पोषण संबंधी कारण हार्मोन उत्पादन को प्रभावित कर सकते है।
  • आनुवंशिक कारण एंडोक्राइन सिस्टम की समस्याओं का मुख्य कारण हो सकते है, जिनमें खासतौर से डायबिटीज और ऑटोइम्यून थायरायडिटिस या हाशिमोटो थायरायडिटिस जैसी कई प्रकार की समस्याएं शामिल है।
  • अति सक्रिय थायराइड, अंडरएक्टिव थायराइड, ग्रेव्स की बीमारी यानी एक प्रकार का हाइपरथायरायडिज्म, जिसके कारण ज़्यादा थायराइड हार्मोन उत्पादन होता है। हाशिमोटो थायराइडिसिस में हाइपोथायरायडिज्म के कारण एक ऑटोम्यून्यून बीमारी और बाद में थायराइड ग्रंथि से संबंधित समस्याएं होती है।
  • एंडोक्राइन समस्या के प्रमुख कारण के बाद इसे ट्यूमर ग्रंथि के विकास या ट्यूमर से जोड़ा जा सकता है।

सुझाव :

हार्मोन्स के बिना हमारे शरीर का सही तरीके से कार्य करना मुश्किल होता है, इसलिए जरूरी है की अगर आपके शरीर में किसी भी तरह की समस्या नज़र आए तो इससे बचाव के लिए आपको जल्द किसी बेहतरीन डॉक्टर के सम्पर्क में आना चाहिए। इसके अलावा अगर एंडोक्राइन सिस्टम या हार्मोन्स में किसी भी तरह की समस्या नज़र आए तो इससे बचाव के लिए आपको दीप आयुर्वेदा हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए।

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तंदुरुस्त सेहत के लिए अपनाएं 5 आयुर्वेद की बेहतरीन डाइट टिप्स !

  • September 5, 2023

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आयुर्वेद में हर बीमारी से लेकर हर सेहत स्वास्थ्य का राज आज भी इसमें मौजूद है, इसलिए अगर आप शारीरिक रूप से स्वास्थ्य रहना चाहते हो तो इसके लिए आपको आयुर्वेद की डाइट चार्ट को जरूर आजमाना चाहिए, वहीं आयुर्वेद में हर तरह की समस्या व सेहत कमजोरी से जुड़े तमाम समस्याओं का हल इसमें मौजूद है, तो चलिए जानते है अपने सेहत को कैसे आयुर्वेद की मदद से ठीक रख सकते है ;

आयुर्वेद का हमारे सेहत पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

  • आयुर्वेद शरीर को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाते है। आयुर्वेद को फॉलो करने से कई तरह की बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। 
  • वहीं हमारे रूटीन का सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। और कई लोग लगातार अनियमित लाइफस्टाइल फॉलो करते है। इसकी वजह से शरीर में कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बढ़ता है। 
  • आयुर्वेद के अनुसार हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करने से कई तरह की बीमारियों के खतरे से बचा जा सकता है। 
  • इसके अलावा शरीर को स्वास्थ्य रखने के लिए सही मात्रा में खाने से और फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान देने से शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है। 
  • अगर आप भी शारीरिक रूप से स्वास्थ्य रहना चाहते है, तो इसके लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करना चाहिए, और आयुर्वेद में जिन बातों का ध्यान रखा जाता है उन्हे भी आप अपनाए। 

शरीर को स्वास्थ्य रखने के लिए कौन-सी डाइट चार्ट`का रखें खास ध्यान ? 

  • अगर आप पूर्ण रूप से स्वास्थ्य रहना चाहते है, तो आपको जब भूख लगें तब ही आप खाना खाएं। ऐसा अगर आप करते है, तो आपका वजन कंट्रोल होने के साथ शरीर भी हेल्दी रहता है। भूख लगने पर खाने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है और पाचन-तंत्र भी दुरुस्त रहता है। भूख लगने पर खाने से कब्ज, गैस और अपच की समस्या से भी व्यक्ति दूर रहता है।
  • उम्र के हिसाब से खाने का करें सेवन, क्युकी अगर आप ऐसा करते है तो आपको किसी भी तरह की बीमारी का सामना नहीं करना पड़ता है। वहीं खाने की बात करें तो अगर आप बुजुर्ग है, तो ऐसी चीजों को खाने से बचें, जो पचने में मुश्किल हो। वहीं बच्चों को ऐसे फूड्स खाने में दें। जिससे उनका विकास ठीक ढ़ंग से हो। अगर आप फिजिकल वर्क ज्यादा करते है, तो डाइट में प्रोटीन युक्त खाने को शामिल करना न भूले।
  • अगर आप अपने शरीर को स्वास्थ्य रखना चाहते है, तो आपको अपने शरीर के हिसाब से खाने का चुनाव करना चाहिए, जैसे अगर आप पतले है, तो डाइट में प्रोटीन रिच फूड्स को शामिल करें। वहीं, अगर आपका वजन ज्यादा है, तो डाइट में ऐसे फूड्स को शामिल करें जिसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा हो, क्योंकि ऐसा करने से आपका पेट लंबे समय तक भरा रहेगा।
  • स्वस्थ रहने के लिए इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, की आप किस मौसम में कौन-सा भोजन कर रहे है। वहीं कई बार लोग बिन मौसम चीजों को खाते है, जो शरीर के लिए हानिकारक होने के साथ कई तरह की बीमारियों को भी न्यौता देती है। जैसे हरे पत्तेदार सब्जियों को मॉनसून में खाना से बचना चाहिए क्योंकि इस समय इनमें कीडे होने की संभावना काफी ज्यादा हो जाती है। 
  • अगर आप अपने शरीर को वाकई में स्वास्थ्य रूप में देखना चाहती है, तो इसके लिए आपको भोजन करते समय तनाव लेने से बचना चाहिए। क्युकि तनाव लेने से खाना ठीक से पचता नहीं है। कब्ज की समस्या हो सकती है, ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। वहीं अगर आप खाना खाने जा रहें है तो इसके लिए आपको आरामदायक और हवादार जगह का चुनाव करना चाहिए। और खास बात खाते समय मोबाइल, टीवी से दुरी बनाकर रखें।

इन उपायों को अपनाने के बाद भी आपका शरीर स्वास्थ्य नहीं रहता, तो इसके लिए आप बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक के संपर्क में आए।

सुझाव :

  • शरीर कुदरत के द्वारा बनाया गया बहुत ही अजीज तोफा है, इसलिए जरूरी है की इसमें किसी भी तरह के नुस्क दिखे तो इसके लिए आपको जल्द डॉक्टर का चयन करना चाहिए और साथ ही उपरोक्त स्वास्थ्य आयुर्वेदिक डाइट का भी खास ध्यान रखें। 
  • इसके अलावा इन डाइट चार्ट को आजमाने के बाद भी आपको कोई फर्क नज़र नहीं आ रहा है, तो इससे बचाव के लिए आपको दीप आयुर्वेदशाला क्लिनिक का चयन करना चाहिए, ताकि आपकी समस्या का हल आपको मिल सकें।