हृदय रोग के लिए कौन-सी आयुर्वेदिक औषधि और उपचार है मददगार ?
- ह्रदय जोकि हमारे शरीर में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखते है, क्युकी इनके बिना या इसमें किसी तरह का रोग उत्पन्न हो जाए तो व्यक्ति अपनी साँस को अच्छे से नहीं ले पाता है, जिस वजह से काफी परेशानी उत्पन्न हो जाती है, पर आयुर्वेद की मदद से हम इस तरह की समस्या से कैसे खुद का बचाव कर सकते है इसके बारे में लेख में चर्चा करेंगे ;
क्या है ह्रदय रोग ?
- एक हृदय रोग कई स्थितियों का वर्णन करता है जो हमारे दिल को प्रभावित करती है। इसमें हृदय और परिसंचरण के सभी रोग शामिल है, जिनमें रक्त वाहिका रोग जैसे कोरोनरी धमनी रोग, एनजाइना, दिल का दौरा, स्ट्रोक और जन्मजात हृदय दोष शामिल है, जो एक व्यक्ति के साथ पैदा हुए हृदय दोष है।
- वहीं हृदय शरीर का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण अंग है। क्युकि हमारा दिल एक मिनट में 60 से 90 बार धड़कता है। और ये ऐसी अवस्था में तभी धड़केगा जब ये पूर्ण रूप से स्वास्थ्य होगा।
- इसके अलावा ह्रदय की हर धड़कन के साथ ये शरीर में रक्त को धकेलता रहता है। क्युकि हृदय को पोषण एवं ऑक्सीजन, रक्त के द्वारा मिलता है, जो कोरोनरी धमनियों द्वारा प्रदान किया जाता है।
ह्रदय रोग से निजात पाने के लिए आप बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करें।
हृदय रोग में व्यक्ति को क्या खाना चाहिए ?
- हृदय रोगियों को नित्य योग और ध्यान करना चाहिए। और ऐसे रोगियों के लिए सुबह की सैर भी फायदेमंद है।
- अदरक, लहसुन, सोंठ, मिर्च, पीपल, लौंग, तेजपत्ता, सेंधा नमक का उपयोग करना ह्रदय रोगियों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है।
- सोने से पहले एक गिलास दूध में छोटी पीपल, जायफल तथा हल्दी का चूर्ण मिला कर पिएं, ऐसा करने से भी आप ह्रदय रोग की समस्या से बच सकते है।
- और तो और उन्हे सादे भोजन का सेवन करना चाहिए। जंकफूड, तैलीय और ठंडे पदार्थों को भूल कर भी खाने की कोशिश न करें।
- अधिक चिंता और गुस्सा ना करें।
- विटामिन डी का खास ध्यान रखें।
हृदय रोग से निजात दिलवाने के लिए आयुर्वेदिक उपचार !
- आयुर्वेद की दवाएं हृदय के मरीजों को पूर्ण रूप से ठीक करने में काफी सहायक है। अर्जुन की छाल, ब्राह्मी, जटामांसी, गिलोय, वीट ग्रास, बुरांश आदि से बनी दवा हृदय रोग में कारगर हैं। अर्जुन की छाल से बनी दवा व चाय हृदय संबंधी समस्याओं को दूर करने में सक्षम माना जाता है।
- अमालकी जिसे आंवला भी कहा जाता है और ये व्यक्ति के धमनियों का अच्छे से विकास करते है, तो अगर धमनियां अगर अच्छे से विकास करेगी तो हमारा हृदय भी अच्छे से कार्य करने में सक्षम हो पाएगा। वही इस औषधि में विटामिन-सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है।
- अलसी या अलसी के तेल का सेवन करने से भी ह्रदय रोग की समस्या से निजात पाया जा सकता है।
यदि ह्रदय रोग गंभीर हो जाए तो इसके लिए आप इसका इलाज बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक से भी करवा सकते है।
हृदय रोगियों को किन बातों का परहेज करना चाहिए !
- अंडा और मांसाहारी भोजन ना करें।
- धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें।
- अधिक चाय व कॉफी से बचें।
- फास्ट फूड और जंकफूड से दुरी बनाए।
- सॉस, तली सब्जियां, चिप्स, डिब्बाबंद भोजन, चीज, खोया, मलाई, मक्खन, नारियल का तेल और बिस्कुट का सेवन भी ना करें।
- अधिक मिठाई के सेवन से बचें।
- रात को कम भोजन लें।
- अधिक मिर्च मसाले के सेवन से बचें।
ह्रदय रोग के इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !
अगर आप ह्रदय रोग संबंधी समस्या का सामना कर रहें है तो इससे बचाव के लिए आपको दीप आयुर्वेदा हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए। इसके अलावा स्थिति गंभीर होने पर ही आप कोई सर्जरी से सम्बंधित कदम उठाए। पर सर्जरी का सहारा डॉक्टर के कहने पर ही लें।
सुझाव :
हृदय रोग सम्बंधित समस्या से बचाव के लिए आपको उपरोक्त बातों का खास ध्यान रखना चाहिए, और किसी भी तरह की समस्या आने पर खुद से कोई इलाज न करें।
निष्कर्ष :
ह्रदय के रोगी के लिए हर पल खतरे वाला होता है इसलिए जरूरी है की इस समस्या का पता चलने पर जल्द डॉक्टर का चयन करें, और किसी भी तरह की दवाई को उपयोग में लाने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें।