इरेक्टल डिसफंक्शन क्या होता है और जाने आयुर्वेद में कैसे किया जाता है इलाज ?

इरेक्टल डिसफंक्शन का आयुर्वेदिक उपचार: लक्षण, कारण और समाधान
Erectile Dysfunction

इरेक्टल डिसफंक्शन क्या होता है और जाने आयुर्वेद में कैसे किया जाता है इलाज ?

  • November 16, 2024

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इरेक्टल डिसफंक्शन को आयुर्वेद में स्तंभन दोष कहा जाता है | यह पुरुषों में होने वाली यौन से संबंधित एक ऐसा विकार है जिससे 20 प्रतिशत से भी अधिक पुरुष प्रभावित है | हालांकि इसके अधिकतर मामलों में 40 या फिर उससे भी अधिक उम्र के पुरुषों में पाए जाते है, लेकिन अब यह हर वर्ग के लोगों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है, जिसके चलते बढ़ते समय के साथ-साथ इसके मामले भी तेज़ी से बढ़ रहे है | आइये जानते है स्तंभन दोष के बारे में विस्तार पूर्वक से :- 

 

स्तंभन दोष क्या है ? 

स्तंभन दोष एक स्थिति है, जिसमें पुरुष संभोग के दौरान पर्याप्त इरेक्शन को बनाए रखने में असमर्थ हो जाता है | आज के दौर में स्तंभन दोष पुरुषों के लिंग से जुड़ा एक आम विकार माना जाता है | समय-समय पर स्तंभन दोष से परेशान होना कोई चिंता का विषय नहीं है, यदि आप लगातार स्तंभन दोष की समस्या से गुजर रहे है तो यह अधिक तनाव में रहने के कारण हो सकता है | जिसकी वजह से आपके आत्मविश्वास प्रभावित हो जाता है, जो आपके रिश्तों में समस्यों को उत्पन्न कर देता है | 

यदि आप स्तंभन दोष की समस्या से पीड़ित है, इसके इलाज के लिए डॉक्टर से परामर्श करें, क्योंकि कभी-कभी अंतनिर्हित स्थिति का इलाज करवाना स्तंभन दोष को ठीक करने के लिए पर्याप्त होता है | आइये जानते है स्तंभन दोष के मुख्य लक्षण क्या है :- 

 

स्तंभन दोष के मुख्य लक्षण  

स्तंभन दोष के प्रमुख लक्षण में शामिल है :- 

 

  • यौन उत्तेजित होने के बावजूद भी इरेक्शन को प्राप्त न कर पाना 
  • इरेक्शन मिलने के बाद, उसे बरकरार रखने में परेशानी होनी 
  • कामेच्छा की कमी होनी 
  • संभोग के पहले लिंग का उत्तेजन हो जाना, लेकिन संभोग के दौरान बरक़रार रखने में असमर्थ हो जाना 
  • सुबह उठने के बाद इरेक्शन का न होना
  • इरेक्शन की गुणवत्ता में बदलाव आते रहना आदि |  

 

स्तंभन दोष के मुख्य कारण  

स्तंभन दोष लगातार होने के प्रमुख कारण निम्नलिखित है :- 

 

  • हार्मोनल से जुड़े विकार 
  • कुछ दवाओं के सेवन से 
  • पेल्विक विकीकरण 
  • लिंग के संरचनात्मक से जुड़ा विकार 
  • लंबे समय तक पेरिनियल दबाव पड़ना 
  • पेल्विक या पेरिनियल आघात होना 
  • टेस्टोस्टेरोन में कमी आदि |  

 

स्तंभन दोष से जुड़े कुछ ज़रूरी बातें 

 

  • स्तंभन दोष को नपुंसकता के नाम से भी जाना जाता है | 
  • स्तंभन दोष के अधिकतर मामलों का आसानी से इलाज किया जा सकता है | 
  • स्तंभन दोष रक्तचाप, हृदय से जुड़े रोग और मधुमेह जैसे अन्य स्थितियों का प्रारंभिक संकेत हो सकते है |
  • यदि आपको इरेक्शन बनाये रखने में परेशानी हो रही है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और अपना परीक्षण करवाएं | 
  • स्तंभन दोष से बचाव के लिए स्वस्थ आहार का सेवन करें, नियमित रूप से व्यायाम करें, नशीले पदार्थों का सेवन कम करें, हाइड्रेशन के लिए नियमित रूप से पानी का सेवन करें |         

           

आयुर्वेद में कैसे किया जाता है स्तंभन दोष का इलाज ? 

स्तंभन दोष का इलाज करने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं को सबसे बेहतर माना गया है | आयुर्वेदिक दवाएं प्राचीन काल से चलते आ रहा एक ऐसा उपचार है, जिसके माध्यम से पीड़ित मरीजों का इलाज प्राकृतिक रूप से किया जाता है, जिससे उन मरीज़ों को उनकी समस्यों से छुटकारा भी मिल जाता है और किसी भी प्रकार के दुष्प्रभावों को झेलना नहीं पड़ता | आइये जानते है ऐसे ही आयुर्वेदिक औषधि के बारें में जिसमे इस्तेमाल से किया जा सकता है, स्तंभन दोष का सटीकता से इलाज :- 

 

शिलाजीत 

शिलाजीत एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है, जिसके इस्तेमाल से स्तंभन दोष की समस्या को दूर किया जाता है, क्योंकि इस औषधि में कामेच्छा की उत्तेजना को बढ़ाने वाले गुण पाए जाते है | 

 

टोंगकट अली 

टोंगकट अली को लॉन्गजैक हर्बल के नाम से भी जाना जाता है, यह थाईलैंड, मालिशिया और इंडोनेशिया में पाए जाने वाले मूल पेड़ों की जड़ें होती है | इस औषधि का इस्तेमाल कामेच्छा को बढ़ने के लिए और सेक्सुअल गतिविधि को बढ़ने के लिए किया जाता है |  

 

अश्वगंधा 

अश्वगंधा का उपयोग रेस्पिरेटरी, तंत्रिका और रिप्रोडक्टिव प्रणाली को ठीक करने के लिए किए जाता है | इस आयुर्वेदिक औषधि के अंदर कामेच्छा की उत्तेजना को बढ़ाने, शरीर में मौजूद टिश्यू को श्रिंक करने और शरीर की ऊर्जा को बढ़ने वाले गुण पाए जाते है, जो पुरुषों में स्पर्म के उत्पादन को बढ़ाता है और यौन से संबंधित समस्या जैसे की बांझपन, अनीमिया और शरीर के टिश्यू को पूरा करने में मदद करता है | 

 

च्यवनप्राश

स्तंभन दोष की समस्या के होने का एक कारण कमज़ोरी भी होता है | च्यवनप्राश का इस्तेमाल शरीर में कमज़ोरी को दूर करने में और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए किया जाता है | च्यवनप्राश बहुत सी जड़ी-बूटियों का मिश्रण होता है, जो स्तंभन दोष की समस्या को दूर करने के लिए कारगर साबित होता है |        

इरेक्टल डिसफंक्शन के लक्षण और आयुर्वेद में इसके इलाज के उपाय
इरेक्टल डिसफंक्शन के लक्षण और आयुर्वेद में इसके इलाज के उपाय

 

स्तंभन दोष कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन इस समस्या का समय पर इलाज करवाना बेहद ज़रूरी होता है | यदि आप में से कोई भी व्यक्ति स्तंभन दोष की समस्या से पीड़ित है तो इलाज के लिए आप डॉक्टर गौहर वात्सयायन से मिल सकते है | डॉक्टर गौहर वात्सयायन पंजाब के बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार स्पेशलिस्ट में से एक है, जो पिछले 13 वर्षों से आयुर्वेदिक उपचार के माध्यम से अपने मरीज़ों का सटीकता से इलाज कर रहे है |

 

 इसलिए आज ही आयुष आयुर्वेद एंड पंचकर्म की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं और अपनी नियुक्ति की बुकिंग करें | इसके अलावा आप वेबसाइट में मौजूद नंबरों से भी संपर्क कर सकते है |