क्या आयुर्वेदिक दवाओं में भी होती है स्टेरॉइड्स मौजूद ?

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क्या आयुर्वेदिक दवाओं में भी होती है स्टेरॉइड्स मौजूद ?

  • July 20, 2024

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चैनल आयुर्वेदा नामक यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो में आयुष आयुर्वेद & पंचकर्म सेंटर के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर गौहर वात्स्यायन ने यह बताय की उनके पास अक्सर ऐसे कई ऐसी मरीज़ आते है जिनका केवल एक सवाल होता हैं की क्या आयुर्वेद में स्टेरॉयड मौजूद होते है या फिर नहीं | यह बात को जानने से पहले इस बात को समझना पड़ेगा की स्टेरॉइड्स होती क्या है ?

 

पूरे विश्व भर में दो तरह के स्टेरायड्स पाए जाता है, पहला है कृत्रिम जिससे सिंथेटिक स्टेरॉयड भी कहा जाता है और दूसरा है फायटो स्टेरॉइड्स,जो हर पौधे में प्राकृतिक रूप से उपस्थित होते है |  सिंथेटिक स्टेरॉइड्स का निर्माण डॉक्टरों द्वारा प्रयोगशाला में किया जाता है, जिसका इस्तेमाल व्यक्ति के शरीर को कमज़ोरी से छुटकारा दिलाने के लिए किया जाता है | यहीं अगर बात करें फायटो स्टेरॉइड्स की तो इसमें डिजिटोक्सिन, डीजोकशन जैसे खाद्द पदार्थ मौजूद होते है, इसका इस्तेमाल भी कई तरह के समस्यायों को प्राकृतिक रूप से कम करने के लिए किया जाता है | उदाहरण के लिए मुलेठी और हल्दी में फायटो स्टेरॉइड्स जैसे तत्व मौजूद होते है |

 

डॉक्टर गौहर वात्स्यायन ने भी कहा की पुराने दशकों में जब आयुर्वेद भी अपने कुछ खास चरण सीमा में मौजूद नहीं था, उस समय आयुर्वेद दवाओं के प्रति लोगों में विश्वास की कमी होती जा रही थी, क्योंकि उस समय सही शिक्षा न प्राप्त होने के कारण  डॉक्टरों की पीढ़ी ऐसी आयी, जो आयुर्वेद दवाओं को बनाते समय उसमे स्टेरॉइड्स के कुछ अंश को मिला दिया करते थे, जिसकी वजह से आयुर्वेद दवाओं पर तो नकारमतक असर पड़ा ही लेकिन इसके साथ ही लोगों पर से भी आयुर्वेदा दवाओं के प्रति विश्वाश भी उठने लग गया था | यह बात बिकुल सच है की आयुर्वेद में स्टेरिओड्स होते है, लेकिन वह प्राकृतिक रूप में मौजूद होते है, जो व्यक्ति के सेहत को कुछ खास नुक्सान नहीं पहुंचती है | 

 

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप चैनल आयुर्वेदा नामक यूट्यूब चैनल पर विजिट कर सकते है | यहाँ आपको इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो मिल जाएगी | इसके अलावा अगर आप किसी भी तरह के ससमस्या से जूझ रहे है और आयुर्वेदिक उपचार करवाना चाहते है तो इसके लिए आयुष आयुर्वेद & पंचकर्म सेंटर से आप संपर्क कर सकते है | इस संस्था के डॉक्टर गौहर वात्स्यायन आयुर्वेद जड़ी-बूटियों में एक्सेपेर्ट है और उन्हें 10 से भी अधिक वर्षों का तज़र्बा है |

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क्या हल्दी है स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद ? जानिए आयुर्वेद से हल्दी के क्या है स्वास्थ्य लाभ

  • July 8, 2024

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हल्दी एक किस्म का घर में उपयोग होने वाला मसाला है, जिसका खासकर भारत में हर तरह के खान-पकवान में इस्तेमाल किया जाता है | इसके साथ ही आयुर्वेद में हल्दी को एक तरह की औषधि भी मानी जाती है, जिसका  सबसे अधिक उपयोग विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने के लिए किया जाता है और इसके साथ ही हल्दी को सबसे शक्तिशाली जड़ी-बूटियों में से एक भी माना जाता है | 

आयुष आयुर्वेद & पंचकर्म सेंटर के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर गौहर वात्स्यायन ने अपने यूट्यूब चैनल नाम चैनल आयुर्वेदा में पोस्ट एक वीडियो के माध्यम से यह बताया कि हल्दी का प्रयोग बीते पिछले कई दशकों से भारत के हर घरों में मसाला के रूप में प्रयोग होता चला आ रहा है | इसके साथ ही हल्दी जैसे औषधि में कई तरह के गुण पाए जाते है कि जिसकी कोई हद नहीं होती है | लेकिन अब यह सवाल सबके मन में आ रहा होगा की क्यों हल्दी का उपयोग हर तरह के खान-पकवान में किया जाता है, रंग के इलावा हल्दी के और क्या फायदे है, क्योंकि हल्दी का इस्तेमाल खाने में स्वाद के लिए तो बिलकुल भी नहीं किया जाता, साथ ही किन कारणों से पिछले हज़ारों सालों से हल्दी का उपयोग मसाले के तौर पर हर घरों में हो रहा है आइये जानते है:- 

हल्दी को पोटानिकल नाम कारकुमा लौंगा से भी जाना जाता है, जिसमे 100 से भी अधिक प्रकार के रासायनिक यौगिक पाए जाते है, जो कई तरह के औपचारिक क्षमताओं में अपना योगदान देता है | हल्दी का सबसे ज़्यादा उपयोग दक्षिण एशिया में आयुर्वेदिक चिकित्सा के तौर पर गठिया, गंभीर दर्द, थकान और साँस लेने में दिक्कत जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है | भारतीय लोगों का यह मानना है की हल्दी से बनी उपचार शक्ति कई बिमारियों को जड़ से ख़तम कर सकती है | आइये जानते है हल्दी से सेहत को क्या लाभ प्राप्त हो सकते है :- 

हल्दी है सूजनरोधी    

डॉक्टर गौहर वात्स्यायन ने बताया कि आयुर्वेद में हल्दी एक ऐसी औषधि है, जिसका स्वास्थ्य के लिए सबसे प्रसिद्ध लाभ सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण है | हल्दी का इस्तेमाल गठिया जैसी बीमारी में आये सूजन और दर्द को कम करने के लिए किया जा सकता है | सूजन और बेचैनी होना बहुत ही आम कारण है, जिसे हर वर्ग के लोग किसी न किसी वजह से गुजरते है और साथ ही यह कुछ बीमारियों के विकास में भी योगदान देते है | लेकिन हल्दी के सेवन से इस दुष्प्रभावों से हो रहे  जोखिम कारक को कम किया जा सकता है | 

व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है 

एक व्यक्ति के शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर को उस रोगजनकों से बचने का कार्य करती है, जो कई बीमारियों की वजह से संक्रमित हो जाती है | हल्दी शरीर के प्रतिरक्षा को बरकरार रखने के साथ-साथ उसकी क्षमता को बढ़ाने का भी कार्य करता   है | हल्दी में एंटीवायरल, जीवाणुरोधक और रोगाणुरोधक जैसे कई तरह अच्छे गुण पाए जाते है | जो शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली की रक्षा करने के साथ-साथ उसे रोगमुक्त भी रखता है | 

हल्दी दिलाये दर्द से राहत

आयुर्वेद जड़ी-बूटियों में हल्दी का सबसे ज्यादा उपयोग मरीज़ को किसी भी कारणों से हो रहे दर्द को कम करने के लिए किया जाता है | हल्दी जैसे औषधि का कई परीक्षणों में जिक्र किया गया है, खासकर गठिया से पीड़ित रोगिओं के लिए, क्योंकि यह गठिया से हो रहे दर्द को कम करने में भी सक्षम होता है | 

यदि आप इसके बारे में और जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इसके लिए आप चैनल आयुर्वेदा नामक यूट्यूब चैनल पर विजिट कर सकते है | इस चैनल पर इस विषय संबंधित सम्पूर्ण जानकारी पर वीडियो बनाकर पोस्ट की हुई है | इसके अलावा आयुष आयुर्वेद & पंचकर्म सेंटर से परामर्श भी कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर गौहर वात्स्यायन आयुर्वेद जड़ी-बूटियों में स्पेशलिस्ट है |