पैरालिसिस का इलाज कौन-कौन सी आयुर्वेदिक दवाइयों में छुपा है ?

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पैरालिसिस का इलाज कौन-कौन सी आयुर्वेदिक दवाइयों में छुपा है ?

  • July 20, 2023

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पैरालिसिस में शरीर का एक अंग का काम न करना या कई मामलों में शरीर समस्त रूप में ही कार्य करना बंद कर देता है जो की व्यक्ति के लिए काफी परेशानी खड़ी कर देता है । इसके अलावा ये समस्या क्यों अपना शिकार बनाती है, इसके बारे में आज के आर्टिकल में बात करेंगे और साथ ही आयुर्वेद का क्या स्थान है पैरालिसिस की समस्या को ख़त्म करने का इसके बारे में भी चर्चा करेंगे ;

क्या है पैरालिसिस ?

  • पैरालिसिस की बात करें तो इसे सामान्य भाषा में लकवा मारना कहते है। वहीं अगर आयुर्वेद पद्धति की बात करें तो उसमे पैरालिसिस को पक्षाघात के नाम से जाना जाता है, जोकि एक वायु रोग है। 
  • पैरालिसिस की वजह से व्यक्ति की शारीरिक प्रतिक्रियाएं बदलने लगती है, जैसे बोलने की क्षमता और महसूस करने की क्षमता का खत्म होना। 
  • वही आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से वात दोष बढ़ने या अंसतुलित होने पर शारीरिक अंगों में कुछ हलचल कम होने लगती है, जो पैरालिसिस का कारण बन जाता है। वही ऐसा तब होता है जब शरीर में गंभीर चोट या नस कमजोर होने लगती है।

पैरालिसिस के कारण क्या है ?

पैरालिसिस के कई कारण हो सकते है, जैसे:

  • स्ट्रोक की समस्या।
  • अटैक का आना।
  • कान में दर्द की समस्या का उत्पन्न होना।
  • हड्डी, पीठ या सिर में तेज चोट का लगना।
  • मस्तिष्क संबंधी विकार।
  • स्पाइनल कॉर्ड से जुड़ी परेशानी।
  • शरीर के किसी एक हिस्से जैसे हाथ या पैर या कभी दोनों में कमजोरी महसूस होना।
  • जन्म से ही मांसपेशियों का कमजोर होना आदि।

इसके कारणों को जानने के बाद जल्द ही पैरालिसिस के इलाज के लिए बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करें ।

पैरालिसिस के लक्षण क्या है ?

इसके लक्षण निम्न प्रस्तुत है, जैसे ;

  • अत्यधिक कमजोरी महसूस करना।
  • किसी भी शारीरिक हिस्से का सुस्त पड़ना।
  • बोलने में कठिनाई का सामना करना।
  • कोई भी बात या सामने वाले व्यक्ति द्वारा कही गई बातों को ना समझना या समझने में दिक्कत का सामना करना।
  • देखने में तकलीफ का सामना करना आदि।

 

आयुर्वेद में पैरालिसिस का कौन-सा उपचार है सहायक ?

  • नास्य की आयुर्वेदिक दवाई उन लोगों के लिए काफी सहायक मानी जाती है जिन लोगों को हाल ही में लकवे की शिकायत हुई है। दरअसल नास्य पद्धति के दौरान पेशेंट के नाक में औषधीय तेल या अर्क डाला जाता है। वही यह पद्धति तब बेहद कारगर मानी जाती है, जब व्यक्ति को कफ की वजह से लकवे की समस्या हुई हो।
  • लकवे की परेशानी को ठीक करने के लिए मृदु विरेचन विधि काफी बेहतरीन मानी जाती है।
  • पैरालिसिस का आयुर्वेदिक इलाज बस्ती विधि में भी सम्मलित है।
  • स्वेदन भी बेहतरीन आयुर्वेदिक दवा है पैरालिसिस की। 
  • स्नेहन की पद्यति में पैरालिसिस मरीज को टेबल पर लिटा दिया जाता है फिर उसके पुरे शरीर की मालिश की जाती है।

इन उपरोक्त उपचारों को करवाने के लिए बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक का ही चयन करें।

 

लकवे के मरीज को खुद के खाने का कैसे ध्यान रखना चाहिए ?

  • गाजर, चुकंदर, ओकरा को अपनी डेली डायट में शामिल करें।
  • हमेशा ताजा खाना खाएं।
  • ऐसे खाद्य पदार्थों को डेली डायट में शामिल करें जो मीठे, खट्टे और नमकीन हों।
  • नट्स का सेवन रोजाना करें।
  • चावल और गेंहू से बने खाद्य पदार्थों का सेवन करें।

 

लकवे के इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

अगर आप भी लकवे की समस्या से खुद का बचाव करना चाहते है या लकवे की समस्या से निजात पाना चाहते है तो इसके लिए आपको दीप आयुर्वेदा हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए। 

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आयुर्वेद के अनुसार क्या है डिप्रेशन का बेहतरीन इलाज ?

  • July 15, 2023

  • 520 Views

जब हमारे द्वारा बहुत ज्यादा तनाव लिया जाता है तो मानसिक विकारों जैसे डिप्रेशन और एंग्जायटी सहित कई मेंटल डिसऑर्डर के परिणाम सामने निकल कर आते है। वही तनाव को कैसे कम किया जा सकता है और आयुर्वेद किस तरह से मददगार है डिप्रेशन को कम करने के लिए साथ ही किस तरह की आयुर्वेदिक दवाई की मदद से हम इस समस्या से निजात पा सकते है इसके बारे में आज के आर्टिकल में चर्चा करेंगे;

आयुर्वेद में डिप्रेशन किस तरीके का होता है ?

  • आयुर्वेद की बात करें तो इसमें अवसाद या डिप्रेशन तीन प्रकार से होते है। वही हर अवसाद का इलाज अलगअलग होता है। तो बात करें कोलन से वात की, तो आंत से पित्त या पेट से कफ सामान्य सर्क्युलेशन में प्रवेश करता है और नर्वस सिस्टम को भी प्रभावित करता है। इससे नर्वस सिस्टम फंक्शन करने में भी हस्तक्षेप करने लगता है।

  • वही बात करें वातप्रकार के डिप्रेशन की तो इसमें व्यक्ति भय, चिंता, घबराहट और अनिद्रा से ग्रस्त होता है।

  • पित्त अवसाद की बात करें तो इसमें क्रोध, असफलता का डर या नियंत्रण खोने की भावनाएं रोगी पर हावी हो जाती है।

  • और कफ अवसाद की बात करें तो इसमें व्यक्ति अधिक नींद, उनींदापन, वजन बढ़ना और सुस्ती जैसी समस्याओं के घेरे में रहता है।

यदि आप भी उपरोक्त तरीके के डिप्रेशन की समस्या से परेशान है तो इससे निजात पाने के लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

डिप्रेशन के प्रकार क्या है ?

  • डिप्रेशन की बात करें तो ये रिकरेन्ट डिप्रेसिव डिसऑर्डर और बाइपोलर इफेक्टिव डिसऑर्डर के दो तरह के प्रकार के रूप में जाना जाता है।

डिप्रेशन के प्रकारों के इलाज के लिए आप बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक के संपर्क में आए।

आयुर्वेद के अनुसार क्या है डिप्रेशन के लक्षण ?

  • उदासी, खालीपन या निराशा की भावना का सामना करना।

  • छोटीछोटी बातों को लेकर गुस्सा, चिड़चिड़ापन या निराशा की भावना।

  • नींद में कमी या बहुत अधिक नींद का आना।

  • थकान और ऊर्जा की कमी।

  • भूख और वजन में कमी या भूख ज्यादा लगना या वजन बढ़ना।

  • चिंता या बेचैनी।

  • ध्यान केंद्रित करने या निर्णय लेने में परेशानी।

  • चीजों को याद रखने में मुश्किल होना।

  • आत्महत्या के विचारों का आना आदि।

क्या है डिप्रेशन का आयुर्वेद इलाज ?

डिप्रेशन के इलाज की बात करें तो ये थेरिपी और आयुर्वेदिक जड़ीबूटियों के द्वारा की जाती है, जैसे ;

  • शोधन चिकित्सा या जिसे बायोक्लिनिंग थेरिपी भी कहा जाता है और ये डिप्रेशन से निजात पाने की बेहतरीन थेरिपी मानी जाती है।

  • विरेचन थेरिपी।

  • नास्य कर्म की थेरिपी।

  • शिरो वस्ति थेरिपी में 45 दिन रोगी के सिर में लगातार मालिश की जाती है।

  • शिरोधारा थेरिपी।

  • वही आयुर्वेदिक जड़ीबूटियों की बात करें तो इसमें आपको ब्राह्मी जड़ीबूटी का सेवन करना चाहिए।

  • जटामांसी से नींद संबंधी विकार ठीक होते है।

  • अश्वगंधा भी डिप्रेशन की बेहतरीन दवा है।

अगर आप उपरोक्त तरह की दवाइयों को अपने डिप्रेशन को कम करने के लिए इस्तेमाल में लाना चाहते है तो इसके लिए आप दीप आयुर्वेदा हॉस्पिटल का चयन जरूर करें और यहाँ के अनुभवी डॉक्टरों से जानकारी हासिल करें की क्या अवसाद में उपरोक्त तरह की दवाई का सेवन कर सकते है या नहीं।