आयुर्वेद के अनुसार क्या है डिप्रेशन का बेहतरीन इलाज ?

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आयुर्वेद के अनुसार क्या है डिप्रेशन का बेहतरीन इलाज ?

  • July 15, 2023

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जब हमारे द्वारा बहुत ज्यादा तनाव लिया जाता है तो मानसिक विकारों जैसे डिप्रेशन और एंग्जायटी सहित कई मेंटल डिसऑर्डर के परिणाम सामने निकल कर आते है। वही तनाव को कैसे कम किया जा सकता है और आयुर्वेद किस तरह से मददगार है डिप्रेशन को कम करने के लिए साथ ही किस तरह की आयुर्वेदिक दवाई की मदद से हम इस समस्या से निजात पा सकते है इसके बारे में आज के आर्टिकल में चर्चा करेंगे;

आयुर्वेद में डिप्रेशन किस तरीके का होता है ?

  • आयुर्वेद की बात करें तो इसमें अवसाद या डिप्रेशन तीन प्रकार से होते है। वही हर अवसाद का इलाज अलगअलग होता है। तो बात करें कोलन से वात की, तो आंत से पित्त या पेट से कफ सामान्य सर्क्युलेशन में प्रवेश करता है और नर्वस सिस्टम को भी प्रभावित करता है। इससे नर्वस सिस्टम फंक्शन करने में भी हस्तक्षेप करने लगता है।

  • वही बात करें वातप्रकार के डिप्रेशन की तो इसमें व्यक्ति भय, चिंता, घबराहट और अनिद्रा से ग्रस्त होता है।

  • पित्त अवसाद की बात करें तो इसमें क्रोध, असफलता का डर या नियंत्रण खोने की भावनाएं रोगी पर हावी हो जाती है।

  • और कफ अवसाद की बात करें तो इसमें व्यक्ति अधिक नींद, उनींदापन, वजन बढ़ना और सुस्ती जैसी समस्याओं के घेरे में रहता है।

यदि आप भी उपरोक्त तरीके के डिप्रेशन की समस्या से परेशान है तो इससे निजात पाने के लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

डिप्रेशन के प्रकार क्या है ?

  • डिप्रेशन की बात करें तो ये रिकरेन्ट डिप्रेसिव डिसऑर्डर और बाइपोलर इफेक्टिव डिसऑर्डर के दो तरह के प्रकार के रूप में जाना जाता है।

डिप्रेशन के प्रकारों के इलाज के लिए आप बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक के संपर्क में आए।

आयुर्वेद के अनुसार क्या है डिप्रेशन के लक्षण ?

  • उदासी, खालीपन या निराशा की भावना का सामना करना।

  • छोटीछोटी बातों को लेकर गुस्सा, चिड़चिड़ापन या निराशा की भावना।

  • नींद में कमी या बहुत अधिक नींद का आना।

  • थकान और ऊर्जा की कमी।

  • भूख और वजन में कमी या भूख ज्यादा लगना या वजन बढ़ना।

  • चिंता या बेचैनी।

  • ध्यान केंद्रित करने या निर्णय लेने में परेशानी।

  • चीजों को याद रखने में मुश्किल होना।

  • आत्महत्या के विचारों का आना आदि।

क्या है डिप्रेशन का आयुर्वेद इलाज ?

डिप्रेशन के इलाज की बात करें तो ये थेरिपी और आयुर्वेदिक जड़ीबूटियों के द्वारा की जाती है, जैसे ;

  • शोधन चिकित्सा या जिसे बायोक्लिनिंग थेरिपी भी कहा जाता है और ये डिप्रेशन से निजात पाने की बेहतरीन थेरिपी मानी जाती है।

  • विरेचन थेरिपी।

  • नास्य कर्म की थेरिपी।

  • शिरो वस्ति थेरिपी में 45 दिन रोगी के सिर में लगातार मालिश की जाती है।

  • शिरोधारा थेरिपी।

  • वही आयुर्वेदिक जड़ीबूटियों की बात करें तो इसमें आपको ब्राह्मी जड़ीबूटी का सेवन करना चाहिए।

  • जटामांसी से नींद संबंधी विकार ठीक होते है।

  • अश्वगंधा भी डिप्रेशन की बेहतरीन दवा है।

अगर आप उपरोक्त तरह की दवाइयों को अपने डिप्रेशन को कम करने के लिए इस्तेमाल में लाना चाहते है तो इसके लिए आप दीप आयुर्वेदा हॉस्पिटल का चयन जरूर करें और यहाँ के अनुभवी डॉक्टरों से जानकारी हासिल करें की क्या अवसाद में उपरोक्त तरह की दवाई का सेवन कर सकते है या नहीं।

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आयुर्वेदिक दवाइयों के बारे में जानें पूरी जानकारी !

  • June 19, 2023

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आयुर्वेदिक में हर बीमारी का इलाज पुराने समय से ही मिलता आ रहा है। जिसके कारण ये पुरातन समय से ही काफी लोकप्रिय उपचार माना जाता है। इसके अलावा आयुर्वेद से जुड़े जितने भी सवाल है उसको हम आज के लेख में प्रस्तुत करेंगे। इसलिए अगर आप आयुर्वेदिक दवाइयों से अपना इलाज करवा रहें है तो आपके लिए ये जानना बहुत जरूरी है की ये दवाई कैसे प्रयोग में लाई जाती है ;

आयुर्वेदिक दवाइयां क्या है ?

  • आयुर्वेद पांच हजार साल पुरानी चिकित्सा पद्धति है, जो हमें हजारों वर्षों से स्वस्थ जीवन का मार्ग दिखा रहा है। हमारी आधुनिक जीवन शैली को सही दिशा देने और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी और सहायक भी मानी जाती है आयुर्वेद। इसमें जड़ी बूटि सहित अन्य प्राकृतिक चीजों से उत्पाद, दवा और रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल होने वाले पदार्थ तैयार किए जाते हैं। जिससे हमें काफी फ़ायदा होता है।

आयुर्वेद काम कैसे करता है ?

  • आयुर्वेद तीन मूल प्रकार के ऊर्जा या कार्यात्मक सिद्धांतों की पहचान करता है जो हर किसी इंसान और हर चीज में मौजूद हैं। और इसे त्रिदोष सिद्धांत कहते है। जब ये तीनों दोष – वात, पित्त और कफ संतुलित रहते हैं तो शरीर स्वस्थ रहता है। 
  • वही आयुर्वेद के सिद्धांत शरीर के मूल जीव विज्ञान से संबंधित हो सकते हैं। आयुर्वेद शरीर, मन और चेतना का संतुलन बनाए रखने में एक साथ काम करते हैं। इसके अलावा ये काम कैसे करता है के बारे में जानने के लिए बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करें। 

आयुर्वेदिक दवाइयों के लाभ क्या है ?

  • आयुर्वेदिक इलाज आपको तनाव से बचाने में मदद करता हैं।
  • जलन और सूजन में भी आयुर्वेदिक दवाइयां मददगार है। 
  • शरीर का शुद्धिकरण करने में सहायक होती है। 
  • कैंसर, निम्न रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल सहित काफी क्रिटिकल बीमारियों से भी आयुर्वेद व्यक्ति का बचाव करती है। 
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए भी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां काफी सहायक मानी जाती है।

यदि आपको भी आयुर्वेदिक दवाइयों के जरिये स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करना है तो इसके लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक से इसके उपचार का चयन करना चाहिए। 

आयुर्वेदिक दवाइयों को कैसे ले ?

  • आयुर्वेदिक दवाओं को सूर्योदय के समय, दिन के समय भोजन करते समय, शाम के भोजन करते समय और रात में इन दवाओं को लेने का सही समय बताया गया है।

क्या आयुर्वेद दवाइयों का कोई नुकसान भी है ?

  • माना जाता है कि आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में प्राकृतिक तत्व होते हैं, जो किसी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचाते। लेकिन एक अध्ययन में सामने आया है कि आयुर्वेद हर्बल दवाओं के लंबे समय तक इस्तेमाल से स्वास्थ्य खराब हो सकता है।

आयुर्वेदिक दवाइयों को लेते वक़्त क्या परहेज करें ?

  • आयुर्वेदिक दवाई लेने के दौरान व्यक्ति को अधिक मिर्च-मसालेदार और खट्टी चीज़ों से परहेज करना चाहिए। वही आयुर्वेद के मुताबिक फ्रिज का ठंडा पानी पीने की बजाए साधारण पानी का ही इस्तेमाल करना चाहिए।

सुझाव :

यदि आप चाहते है कि दवाई लेते वक़्त कोई नुकसान न हो तो इसके लिए आप आयुर्वेदिक दवाइयों का चयन कर सकते है। और इन दवाइयों को आप दीप आयुर्वेदा हॉस्पिटल से भी ले सकते है।

निष्कर्ष :

अगर आपकी बीमारी ज्यादा खतरनाक है तो इसके लिए आपको आयुर्वेदिक दवाइयों का चयन नहीं करना चाहिए क्युकी ये दवाई धीरे-धीरे असर करती है। इसके अलावा अगर आपको हल्की परेशानी है तो आप आयुर्वेदिक दवाई का चयन कर सकते है। पर ध्यान रहें किसी भी तरह की दवाई को इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह ले।