पंचकर्म क्या है और ये किन रोगों के इलाज में है फायदेमंद !

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पंचकर्म क्या है और ये किन रोगों के इलाज में है फायदेमंद !

  • July 31, 2023

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आयुर्वेद पुरातन समय से ही एक उपचार की पद्यति के रूप में लोगों के द्वारा प्रयोग की जाती है। आयुर्वेद में हर तरह की बीमारी का इलाज मौजूद है। वहीं आज के लेख में हम ऐसे आयुर्वेदिक उपचार के बारे में बात करने जा रहें है जो हमारी सेहत प्रणाली के साथ जुड़ा हुआ होता है और जिसका नाम है पंचकर्म, तो जानते है की ये उपचार कैसे लोगों को अच्छी सेहत प्रदान करेगा ;

क्या है पंचकर्म ?

  • शरीर में कई ऐसे रोग है जिनका इलाज करने के बाद भी वे बार-बार फिर से शरीर में पनप जाते है। ऐसे रोगों को खत्म करने के लिए शरीर को अंदर से संशोधित करने की ज़रुरत पड़ती है। 
  • वहीं आयुर्वेद में इन रोगों से बचाव व इनके इलाज के लिए शरीर के मलों व दोषों को बाहर निकालने वाली जो संशोधन की चिकित्सा-प्रक्रिया है, उसे ही पंचकर्म-चिकित्सा कहा जाता है।
  • पंचकर्म शब्द से ही इसका अर्थ स्पष्ट है कि ये पाँच प्रकार के विशेष कर्म है, जो शरीर से मलों व दोषों को बाहर निकालते है। 

अगर आप भी अपनी बीमारी को फिर से पनपते हुए नहीं देखना चाहते तो इसके लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

पंचकर्म में किन पांच क्रमो के द्वारा व्यक्ति का इलाज किया जाता है !

  • पहला क्रम वमन है। 
  • दूसरा विरेचन है। 
  • नस्य तीसरा क्रम है। 
  • अनुवासन वस्ति चौथा क्रम है। 
  • पांचवा निरूह वस्ति का क्रम है। 

पंचकर्म कितने दिन तक चलता है ?

भर्ती मरीज को दवा से लेकर भोजन तक सारी सुविधा अस्पताल या क्लिनिक में मिलती है। पंचकर्म से गठिया, लकवा, उदर संबंधी विकार, मस्तिष्क विकार जैसे साइनस, माइग्रेन का इलाज होता है।

पंचकर्म में किन रोगों का इलाज किया जाता है ?

  • खाँसी का इलाज किया जाता है। 
  • अस्थमा का इलाज। 
  • जुकाम का इलाज। 
  • जी मिचलाना की समस्या का इलाज। 
  • भूख न लगने का इलाज। 
  • अपच की समस्या का इलाज। 
  • टाँसिल्स का इलाज। 
  • एनीमिया का इलाज। 
  • शरीर के निचले अंगों से रक्तस्राव हो तो उसका इलाज। 
  • कुष्ठ एवं अन्य चर्मरोग (खुजली, विसर्प आदि) का इलाज। 
  • गाँठे व गिल्टी का इलाज। 
  • सूजन की समस्या का इलाज। 
  • नाक की हड्डी अगर बढ़ गई हो तो उसका इलाज भी पंचकर्म में मौजूद है। 
  • मूत्र रोग का इलाज। 
  • अतिनिद्रा का इलाज। 
  • मिर्गी के दौरे का इलाज। 
  • पतले दस्त की समस्या का इलाज। 
  • कान अगर बह रहा हो तो उसका इलाज भी इसमें मौजूद है।
  • चर्बी बढ़ना व इससे उत्पन्न रोग का इलाज। 
  • साइनस तथा नाक, तालु व होंठ अगर पक गया हो तो उसका इलाज भी इसमें मौजूद है।

पंचकर्म को कैसे किया जाता है ?

  • पंचकर्म को वमन, विरेचन, नस्य, अनुवासन वस्ति और निरूह वस्ति क्रमो का इस्तेमाल करके किया जाता है और इस प्रक्रिया को अनुभवी आयुवेदिक चिकित्सक द्वारा किया जाता है। 
  • वहीं वमन चिकित्सा में उल्टी लाने वाली औषधियों का प्रयोग करके आमाशय की शुद्धि की जाती है। 
  • इसके अलावा जब आँतों में स्थित मल पदार्थ को गुदा द्वार से बाहर निकालने के लिए औषधियों का प्रयोग किया जाता है तो इस क्रिया को विरेचन कहते है। यह एक महत्त्वपूर्ण संशोधन क्रिया है। इसका प्रयोग सामान्यतः सर्दियों के मौसम में किया जाता है लेकिन अगर कोई गंभीर रोग है तो इसे किसी भी सीजन में किया जा सकता है।
  • जिन लोगों के शरीर में रूखापन ज्यादा हो और पाचक अग्नि तीव्र हो साथ ही वे वात दोष से जुड़े रोगों से पीड़ित हो। उन लोगों को अनुवासन वस्ति कराना चाहिए।

अगर आप पंचकर्म करवाने के बारे में सोच रहें हो तो इसके लिए आप दीप आयुर्वेदा हॉस्पिटल का चयन कर सकते है। 

 

निष्कर्ष :

शरीर में उत्पन्न हुई किसी भी बीमारी का जड़ से खात्मा करने के लिए आप आयुर्वेदिक उपचार का चयन जरूर से करें।

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जानिए क्या है जोड़ों में दर्द की समस्या का आयुर्वेदिक इलाज ?

  • July 27, 2023

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आज के समय की बात करें तो जोड़ों में दर्द बजुर्गो के साथ युवाओं में भी देखने को मिल रहा वही ये दर्द की समस्या से कैसे लोग अपने आप को इसके खतरे से बाहर निकाल सकते है वो भी आयुर्वेदिक दवाई और उसके उपचार की मदद से, तो आप भी जोड़ों में दर्द की समस्या से परेशान है तो इससे बचाव के लिए आर्टिकल के साथ अंत तक बने रहें ;

क्या है जोड़ो में दर्द की समस्या ?

  • जोड़ों का दर्द होना एक सामान्य स्थिति है, जो शरीर में एक या एक से अधिक जोड़ों को प्रभावित करती है। आमतौर पर, जोड़ों के दर्द में घुटने का दर्द, कंधे या गर्दन का दर्द, कोहनी और कुल्हे का दर्द शामिल होता है। 
  • जोड़ो में दर्द की अवधी और तीव्रता उसके अन्तर्निहित कारणों पर निर्भर करती है। जोड़ों का दर्द आमतौर अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन ये दर्द अगर ज्यादा समय तक बना रहें तो इसके लिए इलाज का सहारा लेना पड़ सकता है। 

जोड़ों में दर्द की समस्या के बारे में और विस्तार से जानने के लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

जोड़ों में दर्द के लक्षण क्या है ?

  • अगर आपके जोड़ और उसके आसपास का क्षेत्र सूजा हुआ, लाल, कोमल या स्पर्श करने के दौरान गर्म है।
  • आपका दर्द 3 दिनों से अधिक समय से जारी है। 
  • गंभीर चोट आई है। 
  • विकृत जोड़। 
  • सूजे हुए जोड़। 
  • जोड़ जो पूरी तरह से स्थिर है। 
  • गंभीर जोड़ों का दर्द। 

 

जोड़ों में दर्द की समस्या के लिए बेहतरीन आयुर्वेदिक इलाज !

  • अगर आप भी जोड़ों में दर्द की समस्या से परेशान है तो इससे बचाव के लिए आपको हर्बल ऑयल से बनाए गए हर्बल पेस्ट द्वारा जोड़ों की मसाज को करवाना चाहिए। वहीं ऐसा करवाने से आपको जोड़ों के दर्द से तो आराम मिलेगा ही और साथ में आप इंफ्लेमेशन के दर्द से भी राहत पा सकते है। इसके अलावा अगर आप हर्बल ऑयल का मशाज करवाना चाहते है, तो इसके लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक के संपर्क में आना चाहिए।
  • जोड़ों में दर्द की समस्या से आपको पंचकर्म भी राहत दिलवाता है। वहीं अपने दर्द की गंभीरता के आधार पर आपको इस तकनीक का प्रयोग हफ्ते से महीने तक करना चाहिए। इस प्रक्रिया में अभ्यांग, जनू बस्ती, लेप, स्वेद, विरेचन, बस्ती और अग्निकर्म की आवश्यकता होती है। 
  • आयुर्वेदिक मशाज के अलावा आपको आयुर्वेदिक पेन किलर्स जैसे अलसी, अखरोट, आंवला, हल्दी, तुलसी और अदरक का प्रयोग करना चाहिए। इनमें एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते है जो आपके घुटनों के आस-पास के दर्द को कम करने में मदद करते है और आपको काफी राहत प्रदान करते है। वहीं यह जोड़ों की सूजन कम करने में भी लाभदाई होते है। 
  • अगर आप जोड़ों के या मसल्स के आस-पास के दर्द को कम करना चाहते है, तो आपको सरसों के तेल को थोड़ा गर्म कर लेना है और इसमें एक चुटकी हल्दी मिला दें और फिर प्रभावित क्षेत्र पर इस तेल की मसाज करें। जिससे आपको काफी आराम मिलेगा।

जोड़ों के इलाज के लिए बेहतरीन आयुर्वेदिक हॉस्पिटल !

अगर आप उपरोक्त जोड़ों में दर्द की समस्या से काफी परेशान है, तो आप कैसे इससे खुद का बचाव कर सकते है इसके बारे में हम आपको उपरोक्त बता ही चुके है। वही जोड़ों में दर्द के लक्षण ज्यादा गंभीर नज़र आए तो इसके लिए आप दीप आयुर्वेदा हॉस्पिटल का चयन भी कर सकते है। 

सारांश :

जोड़ों का दर्द जहा लोगों को चलने में असमर्थ बनाता है वही इसके दर्द की समस्या से कैसे हम खुद का बचाव कर सकते है, इसके बारे में हम उपरोक्त बता चुके है, इसके अलावा उपरोक्त उपायों को तो आपने अपनाना ही है और साथ में आपको इस बात का ध्यान भी रखना है की आपको अपने खाने-पीने जैसी हर तरह की चीजों का खास ध्यान रखना है, तभी जाकर आप इस समस्या से खुद का बचाव कर सकते है।